अवधनामा संवाददाता(श्रवण चौहान)
बाराबंकी। बाराबंकी जनपद में डेंगू का कहर काफी तेजी के साथ फैल रहा है इस को काबू करने के लिए अधिकारी कर्मचारियों के हाथ पांव फूले हुए हैं। गांव गली मोहल्ले में फागिंग मशीन से फॉग डलवाने के साथ-साथ मच्छर मार दवाई भी डलवाने का काम कर रहे हैं ।लेकिन एक बात सच है कि सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। छोटे-छोटे गांव में ना तो फागिंग मशीन से डेंगू पर काबू पाने के लिए फॉग डलवाया जा रहा है। ना ही मच्छर मारने के लिए दवाइयां डलवाई जा रही है। सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए चिन्हित नामचीन चौराहों सड़कों पर ही यह प्रक्रिया जमाई जा रही है। बाराबंकी जनपद में अब तक डेंगू से 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा डेंगू के सक्रिय 55 मरीज बाराबंकी जनपद में है. वहीं मंगलवार को 2 नए मरीज डेंगू के पाए गए हैं। तो वहीं अगर बुखार से पीड़ितों की बात करें तो अब तक 352 बुखार पीड़ित है लेकिन यह आंकड़ा सिर्फ सरकारी दस्तावेजों के अनुसार है हकीकत में हर गांव गली मोहल्लों में बुखार खांसी जुखाम से पीड़ित रोगी घूम रहे हैं निगरानी समिति सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति करते हुए नजर आ रही है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाराबंकी के द्वारा बताया गया कि समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डेंगू रोगी हेतु 4 बेड मच्छरदानी युक्त है । जिला पुरुष चिकित्सालय बाराबंकी में 24 मच्छरदानी युक्त संरक्षित बेड है. इसके अलावा जिला पुरुष चिकित्सालय बाराबंकी में 26 बेड आरक्षित किए गए ग्रामीण स्तर पर 1161 निगरानी समिति हैं. शहरी क्षेत्रों में 181 निगरानी समिति सक्रिय हैं. गौरतलब है शासन-प्रशासन की लाख कोशिश के बाद भी डेंगू पर काबू नहीं पाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र से आए मरीजों को जिला चिकित्सालय बाराबंकी में भर्ती तक नहीं लिया जा रहा है उन्हें या तो लखनऊ का रास्ता दिखा दिया जाता है या फिर उन्हें वापस कर दिया जाता है. अब देखना यह बड़ी बात है कि खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारी कर्मचारी कितनी जल्दी बाराबंकी जनपद में डेंगू पर काबू पाते हैं।