अलीगढ़। धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर आजकल ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में अनट्रेंड स्टाफ को रखकर मरीज का इलाज करते नजर आते हैं। जिसकी वजह से मरीज को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है। कई अस्पतालों में गलत इंजेक्शन एवं गलत दवाये उक्त स्टाफ के द्वारा दिए जाने पर मरीज की अपनी जान के साथ खिलवाड़ करते हुए नजर आते हैं। लगातार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा समय-समय पर ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई भी की जाती है। लेकिन इसके बाद भी अस्पतालों का रवैया मरीजों के प्रति नहीं सुधर पा रहा है। ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ से सामने आया है। राजुल नर्सिंग होम की डॉक्टर अंजुला भार्गव ने महिला का ऑपरेशन करते वक्त बच्चे के सर में ब्लेड लगा दिया जिसकी वजह से सर में गहरा घाव हो गया। डॉक्टर के द्वारा इस बात की सूचना अस्पताल की डॉक्टर ने परिवार को नहीं दी, जैसे इस बात की सूचना जब परिवार को हुई तो परिवार के लोगों ने अस्पताल पर हंगामा करना शुरू कर दिया। दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ के थाना सासनी गेट क्षेत्र के अंतर्गत सासनी गेट चौराहा स्थित राजुल नर्सिंग होम का है।
जहां डिबाई निवासी कृष्ण भारद्वाज नाम का एक युवक अपनी पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए अस्पताल में आया था। उक्त युवक के द्वारा बताया गया कि डिलीवरी करते समय नवजात बच्चे के सर में ब्लेड लग गया और बच्चे के सर में गहरा घाव हो गया। इस बात की सूचना डॉक्टर एवं अस्पताल स्टाफ ने परिवार को नहीं दी, और बच्चे को सीरियस बता कर दूसरे अस्पताल में भारती कर दिया। जब बच्चा स्वस्थ हुआ और परिवार के पास पहुंचा तो देखा कि सर में गहरा घाव है। जब परिवार के द्वारा इस बात की जानकारी डॉक्टर से ली गई तो डॉक्टर ने इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। इस बात से नाराज परिवार के द्वारा अस्पताल पर हंगामा किया गया।
डॉक्टर की लापरवाही को देखते हुए परिवार के द्वारा संबंधित थाने में तहरीर भी दी गई है। मौके पर थाना पुलिस पहुंची और हंगामा शांत कराया, कृष्ण भारद्वाज के द्वारा बताया गया कि जब वह डॉक्टर से बात कर रहे थे तो डॉक्टर के द्वारा पत्रकार ,प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को गाली देते हुए कहा कि तुम्हे जो करना है कर सकते हो मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को संज्ञान लेना चाहिए और ऐसे अस्पताल के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कृष्ण भारद्वाज ने जब अस्पताल से जीएसटी बिल मांगे तो अस्पताल ने वह भी देने से इनकार कर दिया और कच्चे बिल देने लगे। उक्त युवक के द्वारा कच्चे लेने से इनकार कर दिया, कहीं ना कहीं अस्पताल की मानसिकता संधिक्त नजर आती है। ऐसे अस्पताल पर शासन और प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए।