अवधनामा संवाददाता
कमासिन/बांदा। विकासखंड कमासिन में 55 ग्राम पंचायतें हैं। जिनमें सबसे बड़ी ग्राम पंचायत कमासिन है। ग्राम पंचायत कमासिन में विकास हेतु सर्वाधिक धनराशि शासन द्वारा मुहैया कराया जाता है । परंतु विकास कार्य शून्य है । यद्यपि ग्राम पंचायत के आय व्यय का ब्यौरा देखा जाए तो सर्वाधिक कार्य नाली निर्माण, साफ सफाई, हैंडपंप सामाग़ी, और कुछ सीसी रोड का निर्माण घटिया सामग्री से किया गया है। जिनमें सर्वाधिक कार्य नाली निर्माण और हैंडपंप सामग्री व मरम्मत पर किया गया है। परंतु ग्राम पंचायत में जगह जगह जलभराव और गंदगी का अंबार देखने को मिलेगा जिससे संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी रहती है । इस जलभराव और गंदगी को देखते हुए गांव के समाजसेवी राजू चौरसिया जो पान पत्ते के छोटे व्यवसाई हैं, ने बांदा और राजापुर राजमार्ग से जुड़ी हुई रास्ता जिस पर जल निकासी की सही व्यवस्था ना होने से जलभराव हो जाता था।और इसी रास्ते में 2 विद्यालय भी संचालित हैं। छोटे-छोटे नौनिहाल इसी रास्ते से होकर विद्यालय जाने के लिए मजबूर थे। और जलभराव के चलते गिर जाते थे ।जिससे उनकी ड्रेस खराब हो जाती थी ।इसको देखते हुए समाजसेवी राजू चौरसिया ने अपने सहयोगियों इस रास्ते को सही करने का बीड़ा उठाया और ईटो को मंगवा कर रास्ते में डाला और कूट कर जलभराव को समाप्त किया। साथ ही जिन रास्तों पर गंदगी का अंबार है उस पर भी स्वयं और ग्राम वासियों के सहयोग से रास्ते की गंदगी को हटा रहे हैं। उनसे जब इस संबंध में पूछा गया तो बताया की मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छता अभियान से प्रेरित हूं नौनिहालों को प्रतिदिन जलभराव में गिरने से मेरे मन में विचार आया कि भले ही ग्राम पंचायत अपनी जिम्मेदारी से मुकर रही है और मॉडल गांव होने के बावजूद भी साफ सफाई पर ध्यान नहीं दे रही और ना ही जल निकासी से ग्राम पंचायत को कुछ लेना देना नही है। आगे उन्होंने कहा कि मैं एक छोटा सा व्यवसाई हूं मेरी ज्यादा हैसियत तो नहीं है परंतु फिर भी जहां भी मुझको इस तरह की समस्या दिखेगी मैं स्वयं और अपने समाजसेवी साथियों के साथ मिलकर इस समस्या को समाप्त करने का प्रयास करुंगा। । उन्होंने कहा इसको हम सब मिलकर जन आंदोलन बनाने का कार्य करेंगे । उन्होंने कहा मैं सभी ग्राम वासियों से आह्वान करता हूं कि आइए इस पुनीत कार्य में हमारा सहयोग करिए। ग्रामवासी अवधेश मिश्रा,अवधेश माली, सुरेंद्र गोस्वामी , पिंटू मिश्रा सहित तमाम ग्रामीण उनके इस कृतित्व को सराह रहे हैं।