अवधनामा ब्यूरो
लखनऊ. राम मन्दिर के लिए चल रहे निधि समर्पण अभियान पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कटाक्ष अयोध्या के संतों को काफी नागवार लगा है. अखिलेश ने चंदा वसूल रहे लोगों को चंदाजीवी कहा तो संतों ने कहा कि बाबरी मस्जिद के समर्थक क्या जानें.
अयोध्या के संतों ने अखिलेश यादव से कहा है कि राजनैतिक दायरा अलग हो सकता है लेकिन धार्मिक मान्यताओं को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए. संतों ने कहा कि अखिलेश का बयान न सिर्फ भगवान राम का अपमान है बल्कि यह चंदा देने वाले राम भक्तों का भी अपमान है.
दरअसल संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आन्दोलन कर रहे किसानों को आन्दोलनजीवी कहा था. किसानों को आन्दोलनजीवी कहे जाने पर पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा चंदाजीवी से ऊपर कुछ नहीं करती.
अखिलेश के इस बयान को हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने निंदनीय बताते हुए कहा कि राम मंदिर से आम लोगों का भावनात्मक लगाव है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए इकट्ठा किये जा रहे धन के विरोध में वह व्यक्ति बोल रहा है जिसने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं. जो हमेशा से बाबरी मस्जिद का समर्थक रहा है.
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राम जन्मभूमि के पुजारी सत्येन्द्र दास ने कहा कि धर्म नीति से नहीं आन्दोलन जीवी राजनीति से प्रेरित है, जबकि चंदाजीवी भगवान राम से सम्बंधित है. उन्होंने कहा कि राम हमारी आस्था का केन्द्र हैं. उनके नाम पर धनराशि जमा कर रहे लोगों को चंदाजीवी कहकर बदनाम नहीं करना चाहिए. ऐसा बोलना एक राजनेता के लिए उचित नहीं है.