क्या आप भी रात भर करवटें बदलते रहते हैं और नींद आपकी आंखों से कोसों दूर रहती है? अगर हां तो आज हम आपको एक ऐसी खास तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका इस्तेमाल अमेरिकी सेना के जवान करते हैं ताकि वे कभी भी कहीं भी सिर्फ दो मिनट में गहरी नींद सो सकें। इसे Military Sleep Method कहते हैं। आइए जानें।
क्या सुबह उठते ही आपको भी थकान महसूस होती है, जैसे आप सोए ही न हों? अगर हां, तो यह आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए। यहां हम आपको Military Sleep Method के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप बहुत कम समय में गहरी नींद सो सकते हैं।
यह तकनीक शरीर और दिमाग दोनों को शांत करती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है। बता दें, शुरुआत में शायद इसमें थोड़ा समय लगे, लेकिन लगातार 6 हफ्तों तक इसकी प्रैक्टिस करने से, कहा जाता है कि लगभग 96% लोग 2 मिनट के भीतर सो जाते हैं। आइए जानें।
क्या है ‘मिलिट्री स्लीप तकनीक’?
यह तकनीक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी नौसेना द्वारा विकसित की गई थी। उस समय, युद्ध की तनावपूर्ण परिस्थितियों में पायलेट्स को नींद की कमी के कारण गलतियां करने का खतरा था। उनकी नींद के चक्र को ठीक करने और उन्हें तुरंत सोने में मदद करने के लिए इस तकनीक को तैयार किया गया था। इस तकनीक का जिक्र लॉयड बड विंटर की 1981 की किताब ‘रिलैक्स एंड विन: चैंपियनशिप परफॉर्मेंस’ में किया गया था। इस मेथड का मूल सिद्धांत शरीर और मन को पूरी तरह से आराम देना है, ताकि आप किसी भी बाहरी विचार या तनाव से मुक्त होकर सो सकें।
कैसे काम करती है तकनीक?
- यह तकनीक शरीर के हर हिस्से को धीरे-धीरे रिलैक्स करने और मन को शांत करने पर केंद्रित है। इसमें मुख्य रूप से मांसपेशियों का आराम, सांसों पर कंट्रोल और मेंटल विजुअलाइजेशन शामिल हैं। इसके लिए आपको नीचे दिए स्टेप्स फॉलो करने होते हैं।
- सबसे पहले, अपनी पीठ के बल आरामदायक स्थिति में लेट जाएं। हाथ-पैर सीधे रखें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। ध्यान रखें कि आपका शरीर पूरी तरह से आरामदायक स्थिति में हो।
- अपने चेहरे की सभी मांसपेशियों को ढीला छोड़ दें। इसमें माथा, आंखें, गाल और यहां तक कि मुंह के अंदर की जीभ और जबड़े भी शामिल हैं। फिर कल्पना करें कि आपके चेहरे से सारा स्ट्रेस निकल रहा है।
- अपने कंधों को जितना हो सके उतना नीचे की ओर ले जाएं, जैसे वे बिस्तर में धंस रहे हों। हाथों को ढीला छोड़ दें और उंगलियों को भी ढीला रखें।
- इसके बाद एक गहरी सांस लें और धीरे-धीरे उसे छोड़ें। सांस छोड़ते हुए अपनी छाती और पेट की मांसपेशियों को पूरी तरह से आराम दें। महसूस करें कि आपकी छाती और पेट पूरी तरह से शांत और स्ट्रेसफ्री हो रहे हैं।
- अब अपने पैरों पर ध्यान केंद्रित करें। अपनी जांघों, घुटनों, पिंडलियों और पैरों को पूरी तरह से ढीला छोड़ दें। ऐसा महसूस करें कि आपके पैर बिल्कुल भारी हो गए हैं और बिस्तर में धंस रहे हैं।
- अब सबसे जरूरी स्टेप आता है- अपने दिमाग को शांत करना। अपने दिमाग से सभी विचारों को बाहर निकालने की कोशिश करें। अगर कोई ख्याल आता है, तो उसे 10 सेकंड के लिए रोकने की कोशिश करें। आप अपने मन में 10 सेकंड तक ‘कुछ मत सोचो, कुछ मत सोचो’ दोहरा सकते हैं।
- अगर आप खुद को पूरी तरह से शांत नहीं कर पा रहे हैं, तो एक शांत और सुखद जगह की कल्पना करें। यह एक शांत झील हो सकती है, जहां आप नीले आसमान के नीचे लेटे हैं। या एक अंधेरे कमरे में मखमली झूले पर झूलने की कल्पना करें। 10 सेकंड के लिए इस कल्पना में खो जाएं।
बता दें, इस तकनीक का अभ्यास करने से आप वाकई मिनटों में गहरी नींद में जा सकते हैं। यह तरीका न केवल आपको सोने में मदद करेगा, बल्कि फिजिकल और मेंटल स्ट्रेस को भी कम कर देगा। इसकी खासियत यह है कि इसे किसी भी जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है, चाहे वह आपका बिस्तर हो या कहीं और।
इन बातों का रखें ख्याल
- शुरुआती दिनों में हो सकता है कि आपको तुरंत नींद न आए। इस तकनीक में महारत हासिल करने के लिए लगातार प्रैक्टिस की जरूरत होती है। कहा जाता है कि 6 हफ्तों के रेगुलर प्रैक्टिस के बाद 96% लोग इसे सक्सेसफुली कर पाते हैं।
- यह तकनीक वैसे तो कहीं भी काम कर सकती है, मगर फिर भी शुरुआत में एक शांत और अंधेरे कमरे में इसकी प्रैक्टिस करना ज्यादा फायदेमंद होगा।