नमभूमि प्रकृति का उपहार है-अतुल कांत

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अवधनामा संवाददाता

छात्र-छात्राओं को बनाया वेटलैंड मित्र

इटावा। अन्तर्राष्ट्रीय नमभूमि दिवस के अवसर पर सामाजिक वानिकी प्रभाग इटावा रेंज भरथना एवं सोसायटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के तत्वाधान में जागरूकता गोष्ठी एवं बर्डवाचिंग का आयोजन पक्षी व्याख्यान केंद्र सरसई नावर झील में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभागीय निदेशक अतुल कान्त शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि नमभूमि प्रकृति का उपहार हैं और यही वेटलैंड मौसम के अनुसार प्रवासी व अप्रवासी पक्षियों का आशियाना बनते है।इनको सुरक्षित रखना हम सबका नैतिक दायित्व है।
उप प्रभागीय वनाधिकारी संजय सिंह ने कहा कि हम अपने आस पास पाए जाने वाले तालाबों झीलें पृथ्वी की किडनी कहलाती हैं इसके जल एवं पक्षियों को नुकसान ना पहुंचाएं और दूसरों को भी इनके संरक्षण के लिए प्रेरित करें ताकि वातावरण शुद्ध रह सके।
सचिव स्कॉन वन्यजीव विशेषज्ञ संजीव चौहान ने बताया कि वर्ष 1971 में पहली बार रामसर कंन्वेंशन में प्राकृतिक जल स्रोतों जैसे नदी,नाले,तालाब,तलैया, पोखर आदि को बचाने की कवायद शुरू की गई थी।सरसई नावर को सारस का मुख्य प्राकृतवास मानते हुए इसे 2019 में रामसर साइट घोषित किया गया।
अरविन्द्र कुमार शुक्ला वन क्षेत्राधिकारी भरथना ने वेटलैंड के प्रति समर्पित स्थानीय पचास व्यक्तियों एवं छात्रों- छात्राओ को वेटलैंड मित्र बनाया।
ग्राम प्रधान सरसई नावर गंगा राम, प्रबन्धक नेम सिंह,डॉ तिलक सिंह अध्यक्ष जनहित कल्याण समिति, समस्त वन क्षेत्राधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन लखना रेंज वन क्षेत्राधिकारी विवेकानंद दुबे ने किया। बढ़पुरा वन क्षेत्राधिकारी पी.पी.सिंह ने कार्यक्रम को सफल बनाने में दिए गए योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी,स्कॉन पदाधिकारी,स्कूल स्टाफ,क्षेत्रवासियों का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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