इलाज के लिए तड़प रहे मासूम को देखकर अमेरिका ने क्या कहा?
गाजा पट्टी। गाजा के अल शिफा अस्पताल में इजरायली सैनिकों की सैन्य कार्रवाई लगातार जारी है। इजरायल का दावा है कि हमास ने अल शिफा अस्पताल (Al-Shifa Hospital) को एक कमांड सेंटर बना रखा है। हजारों फलस्तीनी घायलों के बीच हमास के लड़ाके अस्पताल में छुपे हुए हैं।
युद्ध की वजह से गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में ना तो बिजली है और न ही डॉक्टरों के पास इलाज करने के लिए जरूर मेडिकल सामग्री। अल शिफा अस्पताल में सैकड़ों मासूम जिंदगी से जंग लड़ने पर मजबूर हैं। अमेरिका सहित पूरी दुनिया अल शिफा के हालात पर चिंता जाहिर कर रही है।
व्हाइट हाउस ने मंगलवार देर रात कहा है कि अस्पताल में मौजूद मरीजों की हर हाल में सुरक्षा की जानी चाहिए। हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने अस्पताल में इजरायल द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियान को लेकर कहा कि व्हाइट हाउस इस कार्रवाई की बारीकियों पर चर्चा नहीं करेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा कि हम किसी अस्पताल पर हवाई हमले का समर्थन नहीं करते। हम अस्पतालों में गोली चलते और निर्दोष लोगों को मरते नहीं देखना चाहते हैं। अस्पतालों में मौजूद मरीजों की रक्षा की जानी चाहिए।
वहीं, हमास ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी घोषणा ने इजरायल को अस्पताल पर हमला करने के लिए प्रभावी रूप से “हरी झंडी” दे दी है। समूह ने कहा कि उसने ऑपरेशन के लिए इजरायल और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया। गाजा में मौजूद नागरिकों की मानें तो अस्पताल में फिलहाल हजारों की तादाद में लोग मौजूद हैं।
इजरायल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने कहा है कि खुफिया जानकारी और परिचालन आवश्यकता के आधार पर आईडीएफ बल अल शिफा अस्पताल में एक निर्दिष्ट क्षेत्र में हमास के खिलाफ एक सटीक और लक्षित अभियान चला रहा है।”
युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक इजरायली हमलों में 11,000 से अधिक गाजावासी मारे गए हैं, जिनमें से लगभग 40 प्रतिशत बच्चे हैं। 7 अक्टूबर को अचानक हुए हमले में हमास द्वारा लगभग 1,200 इजरायली मारे गए और 240 से अधिक अन्य को आतंकवादी समूह ने बंधक बना लिया है।