चार हजार मिट्टी के जलपात्र तैयार, 4 मई से होगा वितरण
ललितपुर। गर्मियों की तपती धूप और जल संकट का सबसे अधिक असर उन बेजुबान पक्षियों पर पड़ता है, जो न तो अपनी पीड़ा कह सकते हैं और न ही जल की व्यवस्था कर सकते हैं। ऐसे समय में यदि कोई उनके लिए आगे आए, तो न केवल यह एक मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा कार्य बन जाता है, बल्कि पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होता है। ललितपुर जनपद में तखत ग्रुप द्वारा इसी उद्देश्य से एक अनूठी पहल की जा रही है, जो अब साकार रूप लेने को तैयार है।
तखत ग्रुप ने इस वर्ष भीषण गर्मी में पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए चार हजार से अधिक मिट्टी के जलपात्र (सकोरे) तैयार कराए हैं, जिन्हें आगामी रविवार, 4 मई से पूरे शहर में वितरित किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत को लेकर तखत ग्रुप का प्रतिनिधि मंडल हाल ही में जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी से उनके कैंप कार्यालय में मिला और योजना की जानकारी दी। तखत ग्रुप प्रमुख मज्जू सोनी ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि गर्मी के इस मौसम में गौरैया चिडिय़ा और अन्य पक्षियों के लिए जल की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है।
ऐसे में इन जलपात्रों के माध्यम से शहरवासियों को यह प्रेरणा दी जा रही है कि वे अपने घरों, छतों, बालकनी और आंगन में इन पात्रों को रखें और प्रतिदिन स्वच्छ व शीतल जल भरकर पक्षियों को राहत प्रदान करें। इस अवसर पर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने तखत ग्रुप की इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि यह कार्य न केवल पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है, बल्कि यह लोगों को भी प्रकृति के प्रति सजग और संवेदनशील बनाने वाला कदम है।
उन्होंने समूह के सभी सदस्यों को साधुवाद दिया और अभियान को सफल बनाने हेतु पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया। वहीं, ओएसडी अनिल कुमार दीक्षित ने भी इस प्रयास को सराहते हुए जनसहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान तभी सफल होगा जब समाज के हर वर्ग का इसमें योगदान होगा। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख सदस्य मज्जू सोनी, पार्षद अफजुल रहमान, पार्षद आलोक जैन मयूर, पार्षद अशोक पंथ, प्रधान सुदामा प्रसाद मिश्रा, अभय पारौल, हृदेश हुण्डैत टिंकल, भूपेन्द्र सोनी, शुभम अग्निहोत्री, अमित लखेरा समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे।
नागरिकों से अपील
तखत ग्रुप ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे जलपात्रों को नियमित रूप से साफ रखें और उसमें प्रतिदिन स्वच्छ जल भरकर पक्षियों की सेवा में सहभागी बनें। यह न केवल जीवदया का कार्य है, बल्कि भावी पीढ़ी को प्रकृति के प्रति उत्तरदायी बनाने की दिशा में भी एक प्रेरक कदम है।