प्रदेश के लिए ललितपुर में जल संरक्षण का कार्य आदर्श उदाहरण : डीएम

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अवधनामा संवाददाता

जिला के अन्य जल स्रोतों को भी पुनर्जीवित किया जाएगा
नाराहट, गौना, मकरीपुर एवं बछरई गांव के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल मिलेगा
जिलाधिकारी ने अमझिर नदी के पुनर्जीवन कार्य का उदघाटन कर कीर्तिमान स्थापित किया

ललितपुर। जिलाधिकारी आलोक सिंह ने विकासखण्ड मड़ावरा अंतर्गत अमझिर नदी (अमझरा वाटर फॉल से सजनाम नदी तक) के पुनर्जीवन कार्य का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि अमझिर नदी के पुनर्जीवन से नाराहट, गौना, मकरीपुर एवं बछरई गांव के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि ललितपुर में जल संरक्षण का कार्य प्रदेश के लिए आदर्श उदाहरण बनेगा, जनपद के अन्य जल स्रोतों को भी इसी प्रकार पुनर्जीवित किया जाएगा। इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थाओं एवं जनपदवासियों को भी आगे आना होगा और लोगों को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित करना होगा। बुंदेलखंड सेवा संस्थान के सचिव बासुदेव सिंह ने कहा कि हम अपने देश को भारत माता एवं गंगा नदी को गंगा मां पुकारते हैं, इसलिए नदी पुत्र बनकर प्राकृतिक जल स्रोतों प्राचीन तालाबों नदियों, नालों, झीलों पोखरों, बाबड़ी को पुनर्जीवित करने का कार्य कर रहे हैं। गरीबी दूर करने के लिए खेतीबाड़ी करने के लिए पानी बहुत जरूरी है। सरकार, समाज, पंचायत, सी.एस.आर., स्वयं सेवी संस्थान मिल कर जलसंरक्षण का सफल कार्य करने का आदर्श उदाहरण ललितपुर जिले में देखा जा सकता है। इस अवसर पर डीसी मनरेगा रविन्द्रवीर यादव ने बताया कि अमझिर नदी का उदगम स्थल ग्राम पंचायत नाराहट स्थित सिद्ध क्षेत्र अमझरा मन्दिर के पीछे स्थित झरने के पास से है। इस नदी का वास्तविक नाम अमझरा सिद्ध क्षेत्र के कारण अमझिर पड़ा है। अमझिर नदी सिद्ध क्षेत्र के पीछे स्थित झरने से होते हुयी सजनाम नदी पर ग्राम ललितापुर के पास मिलती है, नदी की कुल लम्बाई 14 कि.मी. है अमझिर नदी के पुर्नजीवन होने से 4 ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण की क्षमता में बृद्धि होगी उक्त नदी का कार्य ग्राम पंचायत नाराहट, गौना, मकरीपुर, एवं बछरई में कराया जाना है। उक्त नदी सजनाम नदी में मिल जाती है। उक्त नदी पर वर्तमान समय में 2.36 करोड़ रूपये के कार्ययोजना बनाई गयी है। नदी का कार्य वर्षा के पूर्व पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित है। उक्त नदी का कार्य पूर्ण होने के उपरान्त आस पास के सिचाई हेतु पानी की उपलब्धता बनी रहेगी। अमझिर नदी पर कुल 4 चैकडेम भी बनाये जाने प्रस्तावित है। नदी का कार्य मनरेगा एवं केन्द्रिय वित्त (टाईड फण्ड) से कराया जाना प्रस्तावित है। नदी की चौड़ाई 6 मीटर से लेकर 10 मीटर तक कराया जाना है, एवं नदी की गहराई का कार्य 1.20 मीटर से 2.00 मीटर की गहराई तक कराया जाना प्रस्तावित है। अमझिर नदी के कार्य के साथ साथ अमझरा स्थित गौवश आश्रय स्थल के पीछे वाले हाथी कुण्ड नाला का कार्य भी कराया जाना है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय, डी.सी. मनरेगा रवीन्द्रवीर यादव, खण्ड विकास अधिकारी मड़ावरा सौरभ वर्णवाल, बुंदेलखंड सेवा संस्थान के सचिव बासुदेव सिंह, मान्यता प्राप्त पत्रकार राकेश शुक्ला, मान्यता प्राप्त पत्रकार दिनेश संज्ञा, ग्राम प्रधान सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी, कर्मचारी, नागरिक उपस्थित रहे।

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