केन्द्र के प्रस्तावित वक्फ बोर्ड अध्यादेश पर उत्तर प्रदेश से उठी आवाज

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केन्द्र सरकार के प्रस्तावित वक्फ बोर्ड अध्यादेश पर उत्तर प्रदेश के मुस्लिम धर्मगुरु और नेताओं ने आवाज उठाई है। किसी को वक्फ बोर्ड अध्यादेश बहुत अच्छा लग रहा है तो किसी को इस अध्यादेश से बेहद आपत्ति है।

उत्तर प्रदेश हज कमेटी के चेयरमैन एवं पूर्व राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि वक्फ बोर्ड पर आ रहे अध्यादेश का स्वागत है। हमारी सरकार यह अध्यादेश ला रही है। इसके आने से वक्फ के मामले पहले शासन के पास आयेंगे, फिर कहीं और जा सकेंगे। मोहसिन रजा ने कहा कि वक्फ की लाखों सम्पत्तियां है। तमाम मामले हैं, जिसे सबसे पहले शासन के पास आना चाहिए। कुछ चंद लोगों के अधिकार में आ गयी वक्फ की सम्पत्तियों को बाहर निकाला जाना चाहिए। जिनकी सम्पत्ति अवैध रुप से वक्फ में दर्ज हो गयी है, उन्हें भी उससे निजात दी जाये।

चेयरमैन ने कहा कि वक्फ बोर्डों को जो अधिकार मिले, उसका उन्होंने दुरुपयोग ही किया। किसी की सम्पत्ति ले लेते है। किसी को मुत्तवली बना देते है। मनमाने तरीके से काम वक्फ बोर्ड ने किया है। वक्फ बोर्ड न्यायालय नहीं है। एक और वक्फ ट्रीब्यूनल बना रखा गया है। जब कोई न्याय के लिए जाना चाहता है तो उसे पहले ट्रिब्यूनल में जाना पड़ता है। हमें वक्फ ट्रिब्यूनल का दायरा भी बढ़ाना होगा।

मोहसिन रजा ने कहा कि वक्फ को दबे कुचले मुस्लिम के उत्थान के लिए बनाया गया था, उसका सन् 1947 से आजतक दुरुपयोग ही हुआ है। मेरा दावा है कि वक्फ का पक्ष रखने वाले लोग किसी एक मुस्लिम को खड़ा नहीं कर पायेंगे, जिसे वक्फ से फायदा हुआ हो। हमारी सरकार जनहित पर फैसला लेती है और जल्द ही वक्फ बोर्ड पर अध्यादेश ला रही है।

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रमुख एवं मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हमारे बड़े बुजुर्गों ने वक्फ के लिए अपनी प्रॉपर्टी को दान किया है। इससे जुड़ा एक इस्लामिक लॉ भी है, जिसमें एक दफा वक्फ को जमीन देने के बाद ना ही उसे बेच सकते हैं और न दूसरा उसे खरीद सकता है। हमारे मुल्क में साठ फीसदी वक्फ की प्रॉपर्टी पर मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान बने हुए हैं।

मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा है कि केन्द्र सरकार को वक्फ अध्यादेश नहीं लाना चाहिए। वक्फ बोर्ड के मामले में बदलाव की आवश्कता नहीं है। इससे अलग सरकार को वक्फ की प्रॉपर्टी पर सरकारी कार्य योजना का किराया समय पर वक्फ को दिलवाने पर जोर देना चाहिए। वक्फ को लेकर बनाये गये अधिनियम 1995 में 2013 में पहले भी संशोधन हुआ है, तो फिर एक और संशोधन या बदलाव की आवश्कता नहीं है।

उत्तर प्रदेश के रामपुर के सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने वक्फ बोर्ड अध्यादेश को अंकुश लगाने वाला अध्यादेश कहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकर की मंशा ठीक नहीं है।

सांसद नदवी ने मांग की है कि केन्द्र सरकार को शहरियों के हक की हिफाजत करनी चाहिए। वर्तमान में सरकार की मंशा ठीक है तो उन्हें सभी दलों की बैठक करनी चाहिए। वक्फ से जुड़े प्रमुख लोगों की बैठक करनी चाहिए। भारत की गंगा जमुनी तहजीब को केन्द्र सरकार किसी तरह से भी नुकसान नहीं पहुंचाएं।

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