Home loan EMI – अगर आप भी घर खरीदने के लिए होम लोन का सहारा ले रहे हैं। ये आर्टिकल आपके लिए काम का होने वाला है। आज हम ऐसी तरीकों के बारे में बात करेंगे जिनसे होम लोन ईएमआई कम करने में मदद मिलती है। इनमें प्री-पेमेंट अच्छा क्रेडिट स्कोर अलग-अलग होम की तुलना रिफाइनेंस का ऑप्शन इत्यादि शामिल हैं।
इस महंगाई के जमाने में मनपसंद घर खरीदना काफी मुश्किल है। कई बार घर लेने के लिए लोन का सहारा लेना पड़ता है। अगर आप होम लोन की बढ़ती किस्त से परेशान है। तो इन्हें कुछ तरीकों से कम किया जा सकता है।
इन तरीकों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ये तरीके फायदा देने के साथ कुछ नुकसान भी देते हैं। तो इनका सोच-समझकर चुनाव करें।
इन तरीकों से होता है लोन ईएमआई कम?
1. क्रेडिट स्कोर- हमारे लोन और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव डालता है। एक अच्छे क्रेडिट स्कोर से आपको लोन मिलने में आसानी होती है। वहीं कई और तरह के फायदे बैंकों से मिलते हैं। इसके साथ ही आप बैंकों से ब्याज के लिए मोल भाव भी कर सकते हैं।
2.डाउन पेमेंट बढ़ाना- होम लोन के तहत कुछ पैसे हमें डाउन पेमेंट में देने होते हैं। बाकी की बकाया राशि बैंक द्वारा दिया जाता है। जिसे हम धीरे-धीरे ईएमआई देकर पूरा करते हैं। अगर आप यहीं डाउन पेमेंट का अमाउंट बढ़ा देते हैं। तो उसे ब्याज में लिए गए पैसे का अमाउंट कम हो जाता है। जिसका ईएमआई पर भी प्रभाव पड़ता है।
3.प्री-पेमेंट- आप धीरे-धीरे लोन की अवधि से पहले पेमेंट कर ईएमआई कम कर सकते हैं। लेकिन अवधि से पहले चुकाने पर बैंक चार्ज या शुल्क वसूलती है।
4.अलग-अलग होम लोन की तुलना- लोन लेने से पहले अलग-अलग बैंक द्वारा ऑफर किए गए ब्याज की तुलना करें। इससे आपको काफी फायदा मिलता है। वहीं आप फ्लोटिंग रेट के तहत लोन ले सकते हैं। अगर बैंक रेपो रेट के बदलाव के बाद भी अपने फ्लोटिंग रेट में चेंज नहीं करता है, तो ऐसे बैंक को ना चुने। इस तरीके से ईएमआई कम किया जा सकता है।
5. रिफाइनेंस- अगर लोन लेने के बाद आपको कोई बेहतर ऑप्शन मिलता है। तो रिफाइनेंस कर सकते हैं। हालांकि इसमें आपको प्री-क्लोजर फीस, नए बैंक में खोलने पर कई तरह के चार्ज देने पड़ सकते हैं।
ये चार्ज अलग-अलग बैंकों पर अलग-अलग हो सकते हैं। इस तरह से ईएमआई कम किया जा सकता है।
होम लोन लेना क्यों है जरूरी?
होम लोन लेने से मनपसंद वस्तु या सामान आसानी से खरीदा जा सकता है। इसके साथ ही नया घर लेने से आपके इमरजेंसी या सेविंग पर असर नहीं होता है। हालांकि इसमें घर की कीमत के अलावा आपको ब्याज भी चुकाना होता है।
अगर आप लंबे समय के लिए कोई भी लोन लेते हैं, तो इसे ईएमआई अमाउंट कम हो जाता है।