ललितपुर। अभिनंदनोदय तीर्थ पर संतशिरोमणि आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के प्रभावक शिष्य निर्यापक मुनि सुधासागर महाराज की प्रेरणा से प्रारम्भ हुए अनंतकालीन भक्ताम्मर की 13वी वर्षगांठ मुनि अविचल सागर महाराज के सानिध्य में धर्मालुजनों ने प्रभावना पूर्वक पूजन विधान के साथ प्रारम्भ की। विधान अभिनंदननाथ प्रभु के सम्मुख शान्तिधारा का पुण्यलाभ लिया। जैन पंचायत से डा.अक्षय टडैया ने अनंतकालीन भक्ताम्मर पाठ की महिमा का उल्लेख करते हुए इसे जैन समाज के लिए असीम पुण्य का संचय बताया। उन्होंने मुनिपुंगव सुधासागर महाराज द्वारा समाज को दी गई इस प्रेरणा के लिए साधुवाद दिया। अभिनंदनोदय तीर्थ प्रांगण में दिगम्बर जैन पंचायत समिति के तत्वावधान में अखण्ड भक्ताम्मर पाठ में श्रृद्धालुओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम शुभारम्भ में अभिनंदनोदय तीर्थ पाठशाला के बच्चों ने रोचक सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। संचालन आकाश जैन ने किया। इस दौरान मंदिर प्रबंधक मोदी पंकज जैन, अशोक जैन, कैप्टन राजकुमार जैन, सनत जैन, सीए सौरभ जैन, मीडिया प्रभारी अक्षय अलया, प्रतीक इमलिया, राकेश जैन, पारस जैन, वीणा जैन, अनीता मोदी मौजद रहे।
ऐलक भारत सागर को जैन समाज ने दी विन्यांजलि
निर्यापक मुनि योगसागर महाराज के संघस्थ ऐलकश्री भारत सागर महाराज के समाधिस्थ होने पर जैन समाज ने विन्यांजली अर्पित कर प्रभु के चरणों में अपनी भावान्जलि अर्पित की। बताया गया कि सन् 2022 में अतिशय क्षेत्र सिरपुर में आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज ने सिलवानी निवासी ब्रह्मचारी सौरभ को क्षुल्लक दीक्षा प्रदान की इसके उपरान्त निर्यापक मुनि योगसागर महाराज ने सन् 2024 को अतिशय क्षेत्र पटना गंज में रक्षाबंधन पर क्षुल्लक महाराज को ऐलक दीक्षा प्रदान की थी। मप्र के महाराजपुर ग्राम में 27 वर्ष की अवस्था में ऐलक जी की समाधि हुई। गुरूदेव की असीम अनुकम्पा ऐलक जी पर रही वह स्वभाव से विनम्र सरल सहज और अपनी चर्या का निर्दोश पालन करने वाले साधक रहे।
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