बाघ के आतंक के साए में जी रहे ग्रामीण 

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अवधनामा संवाददाता

कुशीनगर। बिहार केे वीटीआर जंगल में एक माह से नरभक्षी बाघ का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा हैं एक के बाद एक जंगल के आबादी में बसे ग्रामीणों को अपना निवाला बना रहा हैं। जिससे पूरे जंगल क्षेत्र में बाघ के लोमहर्षक घटना से दहशतगर्दी मची हुई हैं।
बगहा के गोबर्द्धना थाना के सिंगाही और डुमरी गांव से है जहां एक घर में घुस कर 12 वर्षीय बच्ची को बाघ गन्ने में ले जाकर मौत के घाट उतार दिया। बच्ची का शव गन्ने के खेत से परिजनों ने बाहर निकाला।मृतका की पहचान सिंगाही गांव रमाकांत मांझी की पुत्री बगड़ी देवी के रूप में कि गई है। वन विभाग ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल बगहा भेज दिया।बाघ अब तक खेत में काम करने वालो को ही अपना शिकार बनाता रहा था लेकिन पहली बार बाघ घर में सो रही बच्ची को अपना निवाला बनाया है। आपको बताते चले कि आज पूरे 25 दिनों से आदमखोर बाघ जंगल के सटे रियायती इलाकों में तांडव मचाया हुआ है। शुक्रवार को फिर डुमरी गांव में घुसकर एक ग्रामीण को उठाकर जंगल के तरफ भाग निकला ग्रामीणों ने पीछा किया तो बाघ के शिकार व्यक्ति का शव जंगल से उठाकर घर ले आए। आज के इस घटना को लेकर 8वीं ये बड़ी घटना है जिसमें ऑन स्पॉट 7 लोगो की मौत हो चुकी है। बतादे कि बाघ को पकड़ना वन विभाग के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
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