उपराष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को कई विपक्षी दलों का समर्थन मिल सकता है। राजनाथ सिंह ने कांग्रेस समेत कई दलों से समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। आइएनडीआइए गठबंधन के बाहर के दलों ने समर्थन की घोषणा भी शुरू कर दी है। डीएमके गठबंधन के भीतर ही दरार की स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि डीएमके ने राधाकृष्णन का समर्थन करने से इनकार कर दिया है।
उपराष्ट्रपति के चुनाव में राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को कई विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल सकता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस समेत सभी दलों के नेताओं से बात कर राधाकृष्णन के लिए समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है और उनकी कोशिश रंग भी लाने लगी है।
आइएनडीआइए गठबंधन के बाहर के दलों ने समर्थन की घोषणा भी शुरू कर दी है। वहीं राधाकृष्णन को समर्थन को लेकर तमिलनाडु के डीएमके गठबंधन के भीतर ही दरार की स्थिति पैदा हो गई है।
डीएमके ने राधाकृष्णन का समर्थन करने से किया इनकार
डीएमके नेता व पूर्व राज्यसभा सदस्य इलानगोवन ने भाजपा की तमिलनाडु विरोधी नीतियों का हवाला देते हुए राधाकृष्णन को समर्थन देने से इनकार कर दिया। इसकी वजह अगले साल मार्च और अप्रैल में तमिलनाडु में होने वाला विधानसभा चुनाव है।
इलानगोवन ने इसे स्वीकार भी किया। लेकिन तमिलनाडु में डीएमके की सहयोगी एमडीएमके के महासचिव वाइको ने राधाकृष्णन को एक संस्कारित तमिल बताते हुए उन्हें शुभकामना दे दी। वाइको ने कहा कि राधाकृष्णन की तमिलनाडु में सभी राजनीतिक दलों के नेता सम्मान करते हैं।
संजय राउत ने राधाकृष्णन को अच्छा व्यक्ति
डीएमके के अन्य सहयोगी दलों की प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राज्य के ओबीसी नेता का विरोध उनके लिए आसान नहीं होगा। इसी तरह से शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने राधाकृष्णन को अच्छा व्यक्ति बताते हुए आइएनडीआइए गठबंधन के फैसले के साथ जाने की मजबूरी बताई। लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के उपराष्ट्रपति बनने को राज्य के लिए गौरव की बात बताते हुए सभी दलों से उनके पक्ष में आने की अपील कर दी।
राधाकृष्णन झारखंड के भी राज्यपाल रह चुके हैं और उस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके अच्छे रिश्ते बताए जाते हैं। अभी झामुमो की प्रतिक्रिया नहीं आई है। गैर आइएनडीआइए दलों में वाइएसआर कांग्रेस ने राधाकृष्णन के समर्थन का ऐलान कर दिया है।
आंध्रप्रदेश में राजग की सहयोगी टीडीपी के साथ खराब रिश्ते के बावजूद इस समर्थन को अहम माना जा रहा है। इसी तरह से तेलंगाना में बीआरएस भी राधाकृष्णन के साथ आ सकती है। ओडिशा में सत्ता से बाहर होने के बाद बीजेडी लगातार संसद में राजग के खिलाफ रुख लेती रही है, लेकिन राधाकृष्णन के समर्थन के मुद्दे पर उसका रुख देखना होगा।
आइएनडीआइए के सपा, राजद, सीपीएम, सीपीआइ जैसे बाकी घटक दल गठबंधन के फैसले के साथ जाना तय माना जा रहा है। वैसे राज्यसभा और लोकसभा में राजग के स्पष्ट बहुमत के साथ राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है।