वाराणसी टू लखनऊ फ्लाइट सेवा शुरू

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55 मिनट में पहुंची राजधानी; सप्ताह में 3 दिन सुविधा, सीएम योगी ने दिखाई हरी झंडी

लखनऊ से वाराणसी के बीच भी उड़ान शुरू, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया उदघाटन

लखनऊ। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लखनऊ से अब वाराणसी के लिए भी सीधी उड़ान सेवा होगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडिगो एयरलाइन की लखनऊ से वाराणसी के लिए सीधी उड़ान सेवा की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अध्यात्मिक राजधानी वाराणसी तक उड़ान शुरू हुई है। बहुत दिनों से जनप्रतिनिधियों, व्यापारी समाज, बाबा विश्वनाथ के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं की मांग थी कि लखनऊ से वाराणसी के लिए सीधी उड़ान सेवा की शुरुआत की जाए। वाराणसी ने पिछले नौ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकास की नई ऊंचाईयों को छुआ है। न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में बल्कि भौतिक विकास के क्षेत्र में भी जो नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्हें देखते हुए प्रदेश की राजधानी लखनऊ से वाराणसी का जुडऩा बहुत महत्वपूर्ण था।
वाराणसी में वर्ष 2016-17 में 19 लाख ऐसे यात्री थे जो वाराणसी आते थे और वाराणसी से यात्रा की है,लेकिन वर्ष 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 25 लाख से अधिक हो गई है। उत्तर प्रदेश में पिछले छह वर्ष के अंदर वायु सेवा का तीव्र गति से विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में दो एयरपोर्ट थे वाराणसी और लखनऊ। गोरखपुर और आगरा आंशिक रूप से क्रियाशील थे। प्रयागराज को कुंभ के समय प्रारंभ किया था। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के अंदर नौ एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील हैं।
इस समय 12 एयरपोर्ट पर हम कार्य कर रहे हैं। इसमें दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। पहला अयोध्या एयरपोर्ट है जो अगले तीन महीने के अंदर तैयार हो जाएगा, सुरक्षा सहित अन्य औपचारिकताओं को पूर्ण करके इसे हम नवंबर और दिसंबर में क्रियाशील कर देंगे। दूसरा एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट राज्य सरकार गौतम बुद्ध नगर के जेवर में बना रही है। इस वर्ष के अंत तक यहां पहला रनवे बनकर तैयार हो जाएगा। कार्गो की सेवाओं को विस्तार करते हुए उत्तर प्रदेश को निर्यात के हब के रूप में स्थापित करेंगे।
घरेलू क्षेत्रों में कभी किसी ने नहीं सोचा था कि वायुसेवा आरंभ हो सकेगी। आज बरेली, आगरा , प्रयागराज जैसे शहरों में वायुसेवा आरंभ हो चुकी है। उड़ान योजना से प्रधानमंत्री का वह संकल्प कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर सकता है, यह साकार हुआ है। गोरखपुर में वर्ष 2016-17 में वर्ष में 54 हजार यात्री यात्रा कर पा रहे थे। आज यह संख्या सात लाख से ज्यादा है। प्रयागराज में 45 हजार से बढ़कर सालाना 5.71 लाख का आंकड़ा पहुंच चुका है।
लखनऊ में 39.68 लाख से बढ़कर यह 52.20 लाख से अधिक की संख्या हो गई है। यह संख्या बताती है कि उत्तर प्रदेश में संभावना और इसी के चलते वायुसेवा का विस्तार हो रहा है। अब आजमगढ़ में भी वायुसेवा की सुविधा मिलेगी, श्रावस्ती , सोनभद्र, चित्रकूट, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर में एयरपोर्ट का निर्माण कर रहे हैं। जो भी जगह अछूती रह गई थी उनको शीघ्र वायुसेवा से जोड़ रहे हैं। एयरपोर्ट अथारिटी ने पांच एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार के साथ एमओयू कर लिया है। वायुसेवा आज की आवश्यकता है।
गुणवत्तापूर्ण सेवा आज की आवश्यकता है, यात्री के साथ अच्छा व्यवहार हो, समयबद्धता का ध्यान रखते हुए हम अपनी सेवा उपलब्ध कराते हैं तो यात्री में इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आने वाले समय में दो हजार नए एयरक्राफ्ट भारतीय बाजार में आने वाले हैं। आज का समय स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का है। इस प्रतिस्पर्धा में जो गुणवत्तापरक सेवा और समयबद्धता दे पाएगा, वह आगे बढ़ पाएगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, डीजीपी विजय कुमार, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, भी उपस्थित थे।
सप्ताह में तीन दिन उड़ान
विमानन कंपनी इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट सप्ताह में तीन दिन (मंगलवार, गुरुवार व शनिवार) उड़ान भरेगी। फ्लाइट दोपहर 2.20 बजे लखनऊ एयरपोर्ट से उड़ान भरेगी और अपराह्न 3.10 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचेगी। यही फ्लाइट 4.05 बजे वाराणसी एयरपोर्ट से उड़ान भरेगी और शाम 5 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंच जाएगी। वाराणसी से लखनऊ के बीच का बेसिक किराया 2500-3000 रुपये के बीच तय हुआ है, लेकिन फ्लाइट का किराया फ्लैक्सी होता है। सीटों की बुकिंग के साथ ही किराया बढ़ता और घटता रहता है। विमानन कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, पहली उड़ान से लिए ही अच्छी बुकिंग हुई है। यात्रियों की संख्या बढ़ी तो फ्लाइट का परिचालन नियमित कर दिया जाएगा। वाराणसी से लखनऊ के बीच अच्छा एयर ट्रैफिक मिलने की उम्मीद है।
काशी के व्यापारियों की थी मांग
वाराणसी से राजधानी लखनऊ की फ्लाइट की मांग काफी सालों से की जा रही थी। छोटे-बड़े बिजनेस मैन और नेताओं ने कई बार इसके लिए गुहार लगाई थी। अब इसे चालू करने का फैसला लिया गया है। रोजाना वाराणसी से लखनऊ जाने वालों की संख्या हजारों में होती है। भीड़ इतनी ज्यादा होती है कि सारी ट्रेनें और बसें लखनऊ तक फुल होकर चलती हैं। यात्रा में 5-7 घंटे तक लग जाते हैं। इससे लोगों के समय का काफी नुकसान होता है।
फ्लेक्सी फेयर होने से घट-बढ़ सकता है रेट
वाराणसी से लखनऊ का एक तरफ का बेसिक किराया 2523 रुपए और लखनऊ से वाराणसी का किराया 2464 रुपए है। हालांकि, फ्लेक्सी फेयर होने की वजह से टिकट के रेट में कुछ ऊपर नीचे हो सकता है। मांग के हिसाब से टिकट का दाम तय होता है।

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