अवधनामा संवाददाता
लालकिले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह का साक्षी बने रामगणेश
हमें तो 2017 में योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने पर ही मिली असली आजादी
गोरखपुर (Gorakhpur) । “यह सिर्फ और सिर्फ हमारे बाबा जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) की कृपा है जो स्वतंत्रता दिवस समारोह में लालकिले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वीआईपी बनने का सौभाग्य मिला। यह सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, समूचे वनटांगिया समुदाय के लिए ऐतिहासिक मान-सम्मान का पल रहा। अपने बाबा जी, हमारे महाराज जी के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं बचे हैं।”
भावों की यह अभिव्यक्ति है वनटांगिया मुखिया रामगणेश के। लालकिले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में यूपी से गए दस खास मेहमानों में शामिल रामगणेश सोमवार को अपने वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन लौट आए। पीएम मोदी के मंच के सामने वीआईपी दीर्घा में बैठने के पल को आंखों में संजोए रामगणेश इसके लिए बार-बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रणाम करते हुए कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। उनके मुताबिक सीएम योगी ने ही वनटांगियों को “जंगली” से इंसान बनाया, उन्हें मूलभूत अधिकार दिए, शहर जैसी सुविधाएं दीं और अब पीएम के मंच के सामने अति विशिष्ट व्यक्ति बनवाकर सभी वनटांगियों को अभिभूत कर दिया है।
वनटांगिया रामगणेश 13 अगस्त को ट्रेन से नई दिल्ली रवाना हुए। 14 अगस्त को पहुंचने पर उन्हें ससम्मान यूपी भवन में ठहराया गया। 15 अगस्त को प्रातःकाल वह यूपी सरकार के वाहन से लालकिले पहुंचे और वीआईपी दीर्घा में बैठकर स्वतंत्रता दिवस समारोह के साक्षी बने। सोमवार को अपने गांव लौटे तो उनका संस्मरण सुनने के लिए जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में अन्य वनटांगियों की भीड़ लग गई। रामगणेश जिसे भी पूरी बात सुनाते, अपने महाराज जी, अपने बाबा जी यानी सीएम योगी के प्रति आभार जताना नहीं भूलते। बातचीत में उन्होंने कहा कि देश को आजादी भले ही 1947 में ही मिल गई थी लेकिन वनटांगिया अपने बसावट काल 1918 से लेकर 2017 तक गुलामी की ही दशा में रहे। “हमें तो वास्तविक आजादी तब मिली जब बाबा जी (योगी आदित्यनाथ) मुख्यमंत्री बने।” यह कहने के साथ ही रामगणेश भावुक हो जाते हैं, कुछ क्षण की चुप्पी के बाद बोल पड़ते हैं, “जब हम आजाद ही नहीं थे तो आजादी के जश्न में शामिल होने की बात सपने में भी नहीं आती थी। धन्य हैं बाबा जी, जिनकी वजह से सही मायने में वनटांगियों को सही अर्थों में आजादी मिली और प्रधानमंत्री के सामने आजादी के समारोह में अति विशिष्ट बनने का मौका भी।” हमारे बाबा बेमिसाल हैं।
रामगणेश कहते हैं कि बाबा जी ने सुधि नहीं ली होती तो हम वनटांगिए अभी भी वंचितों में वंचित ही बने रहते। आज हम समाज व विकास की मुख्यधारा में शामिल होकर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तो इसका एकमात्र श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। गौरतलब है कि लालकिले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रदेश से जिन दस लोगों को विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया था, उनमें वनटांगियों की नुमाइंदगी रामगणेश ने की।