अयोध्या, 29 मार्च 20225: वाणी प्रकाशन ग्रुप और टाइमलेस अयोध्या लिटरेचर एंड आर्ट्स फ़ेस्टिवल के संयुक्त तत्त्वावधान में एक नये साहित्यिक पुरस्कार की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार शब्द-जगत् में एक नयी पहल के रूप में उन विशेष पाण्डुलिपियों को सम्मानित करने हेतु प्रदान किया जाएगा, जो ज्ञान, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में विशेष योगदान दे रही हैं। इसे ‘वाणी-टाइमलेस अयोध्या कथेतर सम्मान’ (हिन्दी) और ‘Vani-Timeless Ayodhya Non-Fiction Award’ (अंग्रेज़ी) के नाम से जाना जाएगा। इस पुरस्कार के लिए आयु की कोई सीमा नहीं है। चयन समिति द्वारा हर वर्ष अधिकतम तीन पाण्डुलिपियों का चयन किया जाएगा। इस वर्ष के पुरस्कार के लिए जूरी की घोषणा अप्रैल 2025 में की जाएगी।
इस प्रतिष्ठित सम्मान के तहत, चयनित प्रत्येक पाण्डुलिपि को ₹51,000/- की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। यह सम्मान वाणी प्रकाशन ग्रुप और टाइमलेस अयोध्या लिटरेचर एंड आर्ट्स फ़ेस्टिवल द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पुरस्कृत पुस्तकों को वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा प्रकाशित किया जाएगा और उनका औपचारिक लोकार्पण टाइमलेस अयोध्या लिटरेचर एंड आर्ट्स फ़ेस्टिवल के वार्षिक मंच पर किया जाएगा। इस पुरस्कार के अंतर्गत भारतीय ज्ञान-परम्परा, कला-साहित्य, संस्कृति, समाज-विज्ञान, इतिहास, दर्शन, यात्रा-वृत्तांत और अध्यात्म जैसे विषयों पर लिखी गई तीन सर्वश्रेष्ठ पाण्डुलिपियों को हर वर्ष चुना जाएगा।
अरुण माहेश्वरी (प्रबंध निदेशक, वाणी प्रकाशन ग्रुप) ने कहा,”अयोध्या भक्ति और शक्ति की नगरी है, और यहाँ से एक नए पुरस्कार की घोषणा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस सम्मान का उद्देश्य उन उत्कृष्ट शोधपरक कथेतर कृतियों को पहचानना और पुरस्कृत करना है, जो ज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान दे रही हैं। वाणी प्रकाशन ग्रुप और टाइमलेस अयोध्या लिटरेचर एंड आर्ट्स फ़ेस्टिवल के संयुक्त प्रयासों से यह पहल सफल होगी। हमें गर्व है कि यह पुरस्कार यतीन्द्र मिश्र जी के मार्गदर्शन में शुरू किया जा रहा है, जिन्होंने हिंदी कथेतर साहित्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।”
यतीन्द्र मिश्र (फेस्टिवल सह-निदेशक, प्रतिष्ठित कवि एवं लेखक) ने कहा,”वाणी प्रकाशन ग्रुप पहले से ही जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल में अनुवाद के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा पुरस्कार प्रदान करता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अब इसी भावना के साथ वाणी प्रकाशन ने टाइमलेस अयोध्या लिटरेचर एंड आर्ट्स फ़ेस्टिवल के लिए एक कथेतर पुरस्कार शुरू किया है। यह सम्मान सीनियर और नए लेखकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा और उनकी रचनाओं को नई पहचान दिलाएगा।”
चयन हेतु पाण्डुलिपि कम से कम 45,000 शब्दों की होनी चाहिए तथा इसमें एकीकृत भारत और उसकी विविधता में एकता की अवधारणा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। पाण्डुलिपि तैयार करने में किसी भी एआई (AI) आधारित टूल का उपयोग स्वीकार्य नहीं होगा।