एस.एन.वर्मा
आठ मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। मकसद महिलाओं में उत्थान लाना होता है, उन्हें जागरूक करना होता है, महिलाओं की समस्याओं की ओर विशेष ध्यान आकर्षित करना होता है। सब होने के बाद महिलाओं का पूर्णा विकास सम्भव तब तक नहीं हो पायेगा। जब तक वे शिक्षित और आत्म निर्भर नहीं बन जाती। आर्थिक सम्पन्नता के बिना आत्म निर्भरता नहीं आती। आर्थिक सम्पन्नता के लिये सही तरह शिक्षित हो नौकरियां में घुसना या अपना व्यवसाय चलाना हो शर्ते है। कोरी ऊची शिक्षा से सरकारी गैरसरकारी सेक्टर में नौकरी मिलती है। पर इनका दायरा बहुत सीमित होता है। दूसरा तकनिकी और व्यवसायिक शिक्षा हो तो नौकरियों का क्षेत्र काफी विस्तिृत हो जाता है।
यद्यपि पहले की तुलना में शिक्षा, नौकरी पेशा, व्यवसायिक धन्धे में महिलाओं की संख्या बढ़ी है पर अभी बहुत आगे जाने की जरूरत है। इसके लिये सरकार एनजीओ और बैंक अपने अपने स्तर से प्रयासरत है। सबकी नीव शिक्षा है, शिक्षा का स्तर और किस्म अलग अलग तो होगा ही।
1. यहां पहले महिलाओं के लिये बनी सरकारी स्कीमो की बात करते है। महिला क्राइर योजना:- यह माइक्रोस्माल ऐन्ड मिडियम इन्टप्राइजेज मन्त्रालय की स्कीम है। इसमें महिलाओं को पहले प्रशिक्षित किया जाता है। इसमें प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओ को 3000 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से स्टाइपेन्ड दिया जाता है। यह स्कीम उन ग्रामीण महिलाओं के लिये है जो नारियल के जूट के उत्पादन में शामिल है। इसका विभाग है काइरबोर्ड।
महिला समृद्धि योजना:- इसका मंत्रालय है सोशल जास्टिस विभाग है नेशनल शिडयूल कास्टस फाइनेन्स। इसके तहत छोटे स्तर पर कम पैसा दिया जाता है। इसका ब्याज दर कम होता है। कर्ज के रूपये में 1,40,000 तक लिया जा सकता है। इसकी पात्रता उन परिवारों के लिये है जिनकी सालाना आमदनी तीन लाख रूपये से कम हो।
वीमेन इन्टर प्रान्योट्रशिप प्लेटफार्मा:- इसका मंत्रालय नीति आयोग है। एक एग्रीगेटर प्लेट फार्म के रूप में भूमिका होती है। यह कई तरह से उद्यमियो की सहायता करता है। यह वर्कशाप करता है। पार्टनशिप के माध्यम से बताता है किस तरह कम्पेन चलाना चाहिये। यह महिला व्यवसायियो के लिये है।
टेªड सम्बन्धी असिस्टेन्स एन्ड डेवलपमेन्ट:- इसका मन्त्रालय है माइक्रो, स्माल एन्ड मिडियम एन्टर प्राइजेज यह अशासकिय स्वयम् सेवी संस्थाओं को बिजनेस बढ़ाने के लिये प्रोजेक्ट कास्ट के 30 प्रतिशत तक मदद देता है। इस फन्ड का इस्तेमाल, प्रशिक्षण, काउन्सलिंग, मार्केटिग टाइप्स के लिये बाकी 70 प्रतिशत लान्डिग एजेन्सी द्वारा किया जाता है। यह इसकी पात्रता उन एनजीओ को है जिनका पंजियन कराये तीन साल हो चुका है, फिट एन्ड सेविंग प्रोग्राम का अनुभव हो। जरूरी मूलभूत सविधायें हो और अनुभवी स्टाफ हो।
मुद्रा योजना और उद्यमी योजना:- यह वित्त मंत्रालय की स्कीम है। इसका विभाग डिपार्टमेन्ट आफ फाइनेन्सियल सर्विसेज है। दस लाख रूपये तक का कर्ज बिना गारन्टी और कम ब्याज पर और आसान वापसी की सहूलियत के साथ मिलता है। यह कर्ज नान कारपोरेट, नानफामिंग और नान एग्री कल्चरल कारोबार के लिये जिसे महिलायें चला रही हो मिलता हो इसकी पात्रता महिला उद्यमियों को जो खुद चला रही हो को है। जैसे ब्यूटी पार्लर आदि।
महिलाओं के लिये टेªनिंग और रोजगार योजना:- इसका मंत्रालय महिला एवम् बाल विकास है। इसका मकसद महिलाओं जनों ऐसी टेªनिंग मिले जिसमें ऐसी स्किल विकसित हो जिससे उन्हें रोजगार मिले। ऐसी क्षमता पैदा हो जिससे सेल्फ इम्प्लायड बने। इसकी पात्रता 16 साल से ज्यादा उम्र वाली लड़कियांे और महिलाओं को है।
महिला शाक्ति केन्द्र:- इसका मंत्रालय महिला एवम् बाल विकास है। कम्युनिटी सहयोग से ग्रामीण महिलाओं के लिये योजना है ताकि वे सक्षम बने। इसकी पात्रता भारत की पूरी महिलाओं को है।
अल्पसंख्यक महिलाओं लीडरशिप विकसित करने के लिये नई रोशनी स्कीम:- यह अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्कीम है। ऐसी महिलाओं को सशक्त बनाने और रोजगार देने के लिये इस प्रोग्राम को एनजीओं, सिविल नेतृत्व, शिक्षा योजना, स्वस्थ्य और सफाई, स्वच्छ भारत, वित्तीय साक्षरता, कानूनी अधिकार पर फोकस किया जाता है।
वीमेन साइन्टिस्ट स्कीम:- साइन्स एन्ड टेकनलाजी मिनिस्ट्री की स्कीम है। ऐसी वैज्ञानिक और तकनीक दक्ष महिलायें जिन्होंने किसी वजह से अपना कैरियर बीच में छोड़ दिया था लेकिन फिर से मुख्य धारा में आना चाहती है और रिसर्च में योगदान के लिये। इसकी पात्रता पोस्ट ग्रेजुएट जो एमएससी के समकक्ष हो। एमवीवीएस पर एमटेक हो पर एमफिल, पीएचडी हो उम्र की सीमा 27 से 57 साल है।
बैकों ने भी महिलाओं के लिये स्पेशल विजनेस लोन योजनायें चला रक्खी जो निम्मप्रकार है।
सेन्ट कन्याणी (सेन्ट्रल बैंक):- 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिये आमदनी की कोई सीमा नहीं है। एक करोड़ तक कर्ज मिल सकता है। लोन की अवधि 1-7 है। इसके लिये ब्याज दर 7.70 प्रतिशत है। प्रोसिसिग फीस कुछ भी नहीं है।
मुद्रा लोन:- उम्र सीमा कम से कम 18 साल और अधिकतम 65 साल 10 लाख तक कर्ज प्रावधान है। अवधि के लिये टर्नलोन। आवेर ड्राफ्ट ब्याज पर प्रोफाइल और बिजनेस सम्बन्धी जरूरतों के अनुसार। प्रोसोसिंग शुन्य
श्रृगांर अन्नपूर्णा:- एसबीआई की स्कीम है। श्रृगांर के लिये उम्र 20-60 साल, अन्नपूर्णा के लिये 18-60 वर्ष, श्रृगार के लिये 10 लाख, अन्नपूर्णा के लिये 50,000 तक। श्रृगांरिक लिये उवधि 7 वर्ष अन्नपूर्णा के लिये तीन साल है। कर्ज अन्नपूर्णा के लिये 50000 तक श्रृगांर के लिये 50000 तक। ब्याज दर बैक के मापडन्ड के अनुसार। प्रासेंसिंग फीस लोन के आधार पर सिक्वरिटी का प्रावधान नही है।
सिन्ड महिला शक्ति:- पात्रता उनको जिनके पास ब्यापार सम्बन्धित ज्ञान हो या अनुभव है। यह केनरा बैंक की स्कीम है। 5 करोड़ तक लोन मिल सकता है। लोन की अवधि अधिकतम दस साल है। ब्याज दर 10 लाख से अधिक के लिये 0.25 प्रतिशत कम बेसरेट, वेस रेट पर कम राशि। प्रोसिसिंग शून्य।
शक्ति योजना बैक आफ बड़ोदा:- महिला उद्यमियों का विजनेस पर स्टर्टअप में 50 प्रतिशत मालिकाना हक। सुदरा व्यापार, शिक्षा, और आवास के लिये 20 लाख तक माइक्रोकेडिट योजनाओं की तहत 50,000 रूपये लेान अवधि अन्य कारकों के आधार पर दबलती रहती है। ब्याज पर उन महिलाओं के लिये 0.25 प्रतिशत कम बेसरेट बेसरेट कम राशि जिनकी कम्पनी में अधिक स्टाक होल्डिंग है। प्रोसेसिग व्यय शून्य है।
महिलाओं आगे आये इन स्कीमों से लाभ उठाये और अपनी स्थिति में सुधार लाये। इन्हीं माध्यम से आप पूर्णा विकसित हो सकती है। शुभकामनायें।