वॉशिंगटन। अमेरिका के एक मुस्लिम सांसद ने भारत के विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यक मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश है।
सांसद आंद्रे कार्सन ने कहा, यह कदम भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का एक और प्रभावी प्रयास है।
भारत में विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के बाद कार्सन ने यह बयान दिया है।
इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों- हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। कार्सन ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने की घोषणा की थी, मैंने तब भी कश्मीर के भविष्य पर उसके असर को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी।
कार्सन ने इसे एक खतरनाक कदम और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के खिलाफ करार देते हुए कहा कि सरकार ने कश्मीर के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा को नजरअंदाज किया, भारतीय संवैधानिकता की समृद्ध परंपरा को कमतर किया और भारत के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाकर उसे एक केन्द्रशासित प्रदेश बनाने की घोषणा की थी। पाकिस्तान ने इस पर कड़ा विरोध जाहिर करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को कम कर भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया था।
वहीं भारत लगातार यह कहता रहा है कि यह स्पष्ट रूप से उसका आंतरिक मामला है। कार्सन ने कहा, सांसदों के क्रूर ‘कैब’ को पारित करने के साथ ही आज, हमने प्रधानमंत्री का एक और घातक कदम देखा।