हूती विद्रोहियों पर फिर कहर बनकर टूटी अमेरिकी सेना, तेल बंदरगाह पर हुई बमबारी में 38 की मौत; 102 लोग घायल

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यमन के हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि रास इस्सा तेल बंदरगाह पर अमेरिका ने हवाई हमला किया है। इस हमले में कम से कम 38 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार संभालने के बाद से मध्य पूर्व में अमेरिका द्वारा हूतियों के खिलाफ़ किए गए सबसे बड़े सैन्य अभियान के बाद से सबसे घातक हमलों में से एक है।

यमन के हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि रास इस्सा तेल बंदरगाह पर अमेरिका ने हवाई हमला किया है। इस हमले में कम से कम 38 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है।

अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने भी इस हमलों की पुष्टि की है। अमेरिका ने हूतियों के कब्जे वाले रास इस्सा बंदरगाह पर बमबारी की है। हमला इतना घातक था कि 38 की जान चली गई।

हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका का हमला है जारी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से निर्देश मिलने के बाद अमेरिकी सेना 15 से हूती विद्रोहियों पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है। अभी तक अमेरिकी सेना द्वारा किए गए हमलों में मारे गए लोगों में रास इस्सा तेल बंदरगाह सबसे बड़ा हमला था और इसमें सबसे अधिक मौतें हुई है।

हमले का मुख्य उद्देश्य

अल मसीरा टीवी के अनुसार, अमेरिकी सेना ने कहा कि हमलों का मुख्य उद्देश्य हूती विद्रोहियों के लिए ईंधन के स्रोत को काटना था। इस हमले में 102 लोगों के घायल होने की भी खबर सामने आई है।

अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “इन हमलों का उद्देश्य हूतियों की शक्ति के आर्थिक स्रोत को कम करना था, जो अपने साथी देशवासियों का शोषण करते हैं और उन्हें दर्द पहुंचाते हैं।”

हूतियों ने जहाजों को बनाया था निशाना

बता दें, नवंबर 2023 से, हूतियों ने जलमार्ग से गुजरने वाले जहाजों पर दर्जनों ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं, उनका कहना है कि वे गाजा में युद्ध के विरोध में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे थे।

उन्होंने गाजा में दो महीने के युद्धविराम के दौरान शिपिंग लेन पर हमले रोक दिए। हालांकि उन्होंने पिछले महीने गाजा पर इजरायल के हमले को फिर से शुरू करने के बाद हमले फिर से शुरू करने की कसम खाई थी, लेकिन उन्होंने तब से कोई दावा नहीं किया है।

मार्च में हमले में मरे थे 50 लोग

गुरुवार का हमला जनवरी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार संभालने के बाद से मध्य पूर्व में अमेरिका द्वारा हूतियों के खिलाफ़ किए गए सबसे बड़े सैन्य अभियान के बाद से सबसे घातक हमलों में से एक है। हूती अधिकारियों ने बताया कि मार्च में दो दिनों तक चले अमेरिकी हमलों में 50 से ज़्यादा लोग मारे गए थे।

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