नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ़ मशहूर पत्रकार और उर्दू लेखक शिरीन दलवी ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है।आज तक पर छपी खबर के अनुसार, नागरिकता संशोधन बिल (CAB) को लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि यह बिल असंवैधानिक है।
इन प्रदर्शनों और विरोधों के बीच एक पत्रकार ने अपना अवार्ड वापस कर दिया। 2011 में राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पत्रकार शिरीन दलवी ने नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में अपना अवार्ड वापस कर दिया है। शिरीन दलवी अवधनामा की संपादक रही हैं।
2015 में चार्ली हेब्दो के विवादास्पद कार्टून को अपने अखबार में छापने के कारण शिरीन दलवी को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया था।
राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस करने का ऐलान करते हुए शिरीन दलवी ने अपने पोस्ट पर कहा, मुझे बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के नागरिकता संशोधन बिल के पास कराए जाने की खबर से दुख हुआ है।
नागरिकता संशोधन बिल के जरिए हमारे संविधान और धर्मनिरपेक्षता पर हमला किया गया है और इस अमानवीय कानून के विरोध में मैं अपना राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस कर रही हूं। उन्होंने आगे लिखा कि नागरिकता संशोधन बिल (CAB) विभाजनकारी है।