पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन का कहना है कि मांग बढ़ने का असर राज्य के 4634 विद्युत उपकेंद्रों में से 40 पर देखने को मिला है। कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल के मुताबिक जिन 40 विद्युत उपकेंद्रों पर लोड ज्यादा है उसके आसपास के दूसरे उपकेंद्रों में फौरी तौर पर बढ़ा हुआ लोड ट्रांसफर कर दिया गया है ताकि ओवरलोडिंग से बिजली आपूर्ति ठप न होने पाए।
लखनऊ। भीषण गर्मी में बिजली की मांग में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। पिछले वर्ष के मुकाबले 40 प्रतिशत तक अधिक बिजली की मांग पहुंच गई है। इस वर्ष जहां बिजली की मांग 29,212 मेगावाट तक पहुंच चुकी है वहीं पिछले वर्ष बिजली की मांग लगभग 21 हजार मेगावाट थी।
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन का कहना है कि मांग बढ़ने का असर राज्य के 4,634 विद्युत उपकेंद्रों में से 40 पर देखने को मिला है। कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल के मुताबिक, जिन 40 विद्युत उपकेंद्रों पर लोड ज्यादा है उसके आसपास के दूसरे उपकेंद्रों में फौरी तौर पर बढ़ा हुआ लोड ट्रांसफर कर दिया गया है ताकि ओवरलोडिंग से बिजली आपूर्ति ठप न होने पाए।
अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में डटे रहने के निर्देश
ओवरलोडिंग की समस्या के स्थाई समाधान के लिए बिजनेस प्लान के तहत इन सभी विद्युत उपकेंद्रों पर कार्य कराया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर तार टूटने व अन्य फॉल्ट के कारण लोगों को कठिनाई का सामना न करना पड़े इसके लिए स्थिति की लगातार समीक्षा की जा रही है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए अपने-अपने क्षेत्रों डटे रहें और उपभोक्ताओं की समस्याओं का प्राथमिकता पर समाधान करें।