पुलिस ने मृत्यु के अनसुलझे रहस्यों को उजागर करने के दावे के साथ लिए गए विसरा जांच के सैंपलों को ही बिसरा दिया! रखरखाव के अभाव में हजारों सैंपल नष्ट हो रहे हैं और सैकड़ों चूहों का निवाला बन चुके हैं। जिनके सैंपल नष्ट हो गए हैं उनके मृत्यु के रहस्य से अब कभी पर्दा नहीं उठेगा। इस लापरवाही को लेकर स्वास्थ्य और पुलिस विभाग एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे।
मृत्यु के अनसुलझे रहस्य सामने लाने के दावे के साथ पुलिस ने विसरा जांच के जो सैंपल लिए उन्हें बिसरा दिया। इसके कारण वर्षों से पड़े हजारों सैंपल रखरखाव के अभाव में नष्ट हो रहे हैं। सैकड़ों सैंपल चूहों का निवाला बन चुके हैं।
ऐसे में जिनके सैंपल नष्ट हो चुके हैं अब उनकी मृत्यु के रहस्य से कभी पर्दा नहीं उठ सकेगा। इस लापरवाही को लेकर स्वस्थ्य और पुलिस विभाग एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मेडिकल कालेज में नया पोस्टमार्टम हाउस बनने के बाद 30 थानों से आने वाले शव का पोस्टमार्टम उसी में होता है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों का कहना है शव का पोस्टमार्टम करते समय सभी शव का सैंपल निकालकर विसरा के लिए रख दिया जाता है, क्योंकि कब पुलिस किसी मामले में विसरा जांच के लिए सैंपल मांग बैठे कोई जानकारी नहीं होती।
केवल उनका ही विसरा नहीं रखा जाता है जिनके परिवारीजन लिखित रूप से पुलिस को इसके लिए मना कर देते हैं। वहीं पुलिस विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि जिस मामले में मुकदमा दर्ज कर या लिखित आरोप के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाता है उसमें चिकित्सक से विसरा सुरक्षित रखने के लिए कहा जाता है।
लावारिस शव का भी रखा ही जाता है सैंपल
पुलिस द्वारा बरामद लावारिस शव का पहचान नहीं होने पर पहले तो नियमानुसार 72 घंटे बाद पोस्टमार्टम कराया जाता है। इसके बाद उसका सैंपल पुलिस इसलिए भी रखवाती है कि अगर शव का पहचान करते हुए कोई आ जाए और हत्या का आरोप लगाए तो विसरा की जांच से पुष्टि कराई जा सके।
विसरा में रखे जाते शरीर के पांच अंगों के हिस्से
विसरा के लिए चिकित्सक शरीर के पांच अंगों के हिस्से को सैंपल के रूप में रखते हैं। इसमें से लीवर, प्लीहा, आमाशय, छोटी आंत और किडनी को रखा जाता है। इसकी जांच कर मृत्यु का कारण और समय का पता लगाया जाता है।
जरूरत के अनुसार पुलिस या स्वास्थ्य विभाग की टीम शरीर के अन्य अंगों को भी सैंपल के रूप में रख सकती है। स्वास्थ्य महकमा का कहना है कि सैंपल को एक केमिकल में रखा जाता है, इससे वो खराब नहीं होते हैं।
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सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दुबे ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस में विसरा के लिए रखे गए सैंपल के रखरखाव और ले जाने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है। चिकित्सक पोस्टमार्टम करते समय सैंपल निकालते हैं और पुलिस को शव सिपुर्द करते समय सैंपल भी दे दिया जाता है। पोस्टमार्टम हाउस में रखे सैंपल में किसकी जरूरत पुलिस को नहीं है किसकी जरूरत है, इसकी रिपोर्ट अगर मिल जाए तो वह नियमानुसार निष्प्रयोज्य विसरा को नष्ट करा देंगे।