उत्तर प्रदेश के 36 बाढ़ग्रस्त जिलों के 1877 गांवों में 6 लाख से अधिक लोगों को राहत दी गई। 84700 मवेशियों को बचाया गया और क्षतिग्रस्त घरों के लिए 465 लोगों को मुआवजा मिला। राहत आयुक्त ने बताया कि खाद्यान्न लंच पैकेट भूसा क्लोरीन की गोलियां और ओआरएस पैकेट वितरित किए गए। प्रभावित क्षेत्रों में 475 आश्रय स्थलों में 65437 लोग रह रहे हैं।
लखनऊ। प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित 36 जिलों के 1,877 गांवों के 6,42,913 लोगों को राहत पहुंचाई गई है। वहीं बाढ़ की वजह से 84,700 मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया है। बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 573 लोगाें के मकानों को क्षति पहुंची है, जिनमें से 465 लोगों को सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है।
वर्तमान में 61,852 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 2,610 नावों और मोटरबोट्स की सहायता से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। इन क्षेत्रों में अब तक 67,169 खाद्यान्न पैकेट और 7,99,734 लंच पैकेट वितरित किये जा चुके हैं।
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि अब तक मवेशियों के लिए 11,640 कुंतल भूसा वितरित जा चुका है। इसके अलावा 5,83,758 क्लोरीन गोलियां और 2,88,860 ओआरएस पैकेट भी वितरित किए जा चुके हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 475 बाढ़ शरणालय सक्रिय हैं, जहां 65,437 लोग अस्थायी रूप से निवास कर रहे हैं। इन सभी का 1,124 मेडिकल टीमों द्वारा मेडिकल चेकअप किया जा रहा है।
इसके साथ ही 1,517 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अयोध्या, बहराइच, बाराबंकी, बस्ती, कासगंज, हरदोई, मुरादाबाद, मुजफ्फनगर, शाहजहांपुर, भदोही, श्रावस्ती, उन्नाव, फर्रुखाबाद, मेरठ, हापुड़, गोरखपुर, गोंडा, बिजनौर, बदायूं, कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाज़ीपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर बाढ़ से प्रभावित हैं।