कहा कि संयुकि मोर्चा के हम सभी पदाधिकारीगण लेखपालों के विधि विरूद्ध धरना/आन्दोलन का घोर निन्दा करते हैं।
सिद्धार्थनगर। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मंगलवार को जिलाधिकारी को लेखपालों के धरने को लेकर ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन में कहा है कि ज्ञात हुआ है कि लेखपाल संघ धरनारत है, धरने की वजह से आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, वरासत, पैमाइस एवं खसरा आदि का कार्य प्रभावित हो रहा है। जनपद के लेखपाल आदेश होने के बाद भी बिना सुविधा शुल्क के एक भी कार्य नहीं करते है। किसान संयुक्त मोर्चा मुख्यमंत्री जी को यह अवगत कराना चाहता है कि जो शासन की मंशा को तार-तार कर रहे है तो वह दो लोग हैं- तहसीलों में लेखपाल खसरा, पैमाइस, वरासत एक भी कार्य बिना सुविधा शुल्क के नहीं करते है. लेखपालों की यूनियन होने के कारण उनके विरूद्ध कार्यवाही करने से तहसीलदार, उप-जिलाधिकारी एवं जिलाधिकारी सभी कतराते है और यदि कभी कोई ईमानदार अधिकारी कार्यवाही कर भी देते हैं तो यूनियन का प्रभाव दिखाकर धरना/आन्दोलन कर दबाव बनाते है। विकास खण्डों में ग्राम पंचायत सचिव बिना पैसा लिये जन्म/मृत्यु प्रमाण-पत्र तक जारी नहीं करते है। ग्राम पंचायत सचिव नौकरी पाने के बाद यह मूल जाते है कि वह भी एक किसान के परिवार से है।
संयुक्त किसान मोर्चा के सभी पदाधिकारीगण लेखपालों के विधि विरूद्ध धरना/आन्दोलन का घोर निन्दा करते हैं। मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव उ०प्र० शासन से यह मांग करते है कि जिस प्रकार पुलिस, सेना, आदि हड़ताल नहीं करते है, किसी कार्यवाही के सापेक्ष न्यायालय की शरण लेते है। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों का यूनियन भंग कराया जाये, संविधान सभी के लिए एक है। यदि लेखपालों के यूनियन को भंग कराते हुए कार्य वापसी पर नहीं भेजा गया तो किसान संयुक्त मोर्चा 13 दिसम्बर से तहसीलों पर तालाबन्दी और सड़कों पर चक्का जाम करते हुए जेल भरो आन्दोलन करेंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिले के लेखपाल एवं शासन प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर कपिल देव, राकेश कुमार श्रीवास्तव, राधे श्याम सोनी, भूपेंद्र कुमार, आकाश राव, भोला यादव, मोर्चा के पदाधिकारी व अन्य किसान मौजूद रहे।
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