बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में अब पर्यावरण संरक्षण और शोध कार्य को एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. मित्तल ने सोमवार को एक अनोखी पहल की शुरुआत करते हुए घोषणा की कि नए पीएचडी स्कॉलर्स को अपने शोधकार्य के साथ एक पौधे की देखभाल भी करनी होगी।
प्रो. मित्तल ने कहा, पर्यावरण को देखते हुए आज नए पीएचडी स्कॉलर्स ने पौधारोपण किया है। पूरे शोधकाल के दौरान वे इन पौधों की देखभाल करेंगे और पीएचडी थीसिस सबमिशन के समय उसी पौधे की वृद्धि की फोटोज थीसिस में सम्मिलित करनी होंगी।
कुलपति ने यह भी बताया कि शोध परिसर में एक शोध वाटिका विकसित की जाएगी, जहाँ शोधार्थियों के नाम पर लगाए गए पौधे चिन्हित रहेंगे।सूचना एवं प्रौद्योगिकी विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. एम. पी. सिंह ने कहा कि शोध केवल पुस्तकों और प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए।
प्रकृति से जुड़कर शोध की उपयोगिता और सामाजिक प्रभाव को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। यह पहल शोधार्थियों में संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देगी।
विभागाध्यक्ष कैप्टन डॉ. राजश्री ने कहा कि यह पहल न केवल शोधार्थियों में प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व की भावना विकसित करेगी, बल्कि विश्वविद्यालय परिसर को भी हरित और स्वच्छ बनाए रखने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम होगी।प्रो. शूरा दारापुरी, डॉ. धीरेन्द्र पांडेय, डॉ.एम.एल. मीणा समेत पीएचडी स्कॉलर्स आकाश सिंह, दीपांशु मिश्रा,सहबाज़ ,सावित्री ,सोनम साक्षी मधुलिका और अन्य शोधार्थी उपस्थित रहे।