अवधनामा संवाददाता
देवरिया(Devariya) अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कृषक उत्पादक संगठन के निदेशको का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि प्रदेश में कुल 612 एफपीओ का पंजीकरण हुआ है एवं कृषि विभाग द्वारा एफपीओ के लिए समस्त योजनाओं में प्राथमिकता देने की बात कही। अपर कृषि निदेशक(बीज एवं प्रक्षेत्र) के द्वारा बताया गया कि दृष्टि योजनान्तर्गत प्रदेश में कुल 60 एफपीओ को लाभान्वित किया गया है। इसके अन्तर्गत बीज विधायन की स्थापना के चयन के मापदण्डों के बारे में विस्तार से बताया गया।संयुक्त कृषि निदेशक(अभियन्त्रण) द्वारा कस्टम हायरिंग सेन्टर एवं फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना में एफपीओ को प्राथमिकता देते हुए चयन प्रक्रिया एवं लाभ तथा अनुदान के बारे में विस्तार से बताया गया। अपर कृषि निदेशक(बीज एवं प्रक्षेत्र) द्वारा खाद बीज के पंजीकरण एवं लाइसेन्स प्राप्ति हेतु प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशानुसार चयन मानक के बारे में बताया गया। निदेशक (कृषि रक्षा) द्वारा कीटनाशी के लाइसेन्स बनवाने की योग्यता एवं चयन मानक के बारे में बताया गया। निदेशक(बागवानी) द्वारा उद्यान विभाग द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं में एफपीओ को प्राथमिकता देते हुए सभी योजनाओं के बारे में चर्चा की गयी तथा अनुदान के बारे में बताया गया। निदेशक (मत्स्य) द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के बारे में बताया गया तथा तालाब निर्माण, प्रबंधन, विपणन एवं व्रांडिंग के बारे में बताया गया। नवी किसान फाइनेन्स लिमिटेड ने किसानो को ऋण सुविधा प्रदान करने के बारे में बताया, जो भारत सरकार के बनाए गए नियमो के आधार पर अनुदान सहित ऋण उपलब्ध कराता है। निदेशक मण्डी समिति ने बताया कि सभी एफपीओ को स्थानीय स्तर पर मण्डियों में प्राथमिकता प्रदान की जाएगी तथा उनके लिए भण्डारण तथा उत्पाद के विक्रय की समुचित व्यवस्था मण्डियों पर उपलब्ध करायी जायेगी। सायंकाल सेन्ट्रल सेक्टर स्कीम ‘‘फारमेशन एण्ड प्रमोशन आफ फार्मर प्रोडूसर आर्गेनाइजेशन’’ के तहत भी वर्चुवल केन्द्रीय कृषि सचिव द्वारा दिया गया और एफपीओ की बढावा देने पर बल दिया गया।इस गूगल प्रशिक्षण से उप कृषि निदेशक डा ए के मिश्र,जिला कृषि अधिकारी मो0 मुजम्मिल, कृषि विभाग, एफपीओ संगठन, नावार्ड आदि से संबंधित अधिकारी व कर्मचारी गण जुडे रहे।
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