अवधनामा संवाददाता
ट्रेनों की धुलाई के लिए बनाया जा रहा था वाशिंग पिट।
चोपन/सोनभद्र- जहां एक तरफ केंद्र की सरकार रेलवे को हाईटेक बनाने के लिए भारत सरकार भारी भरकम बजट उपलब्ध करा रही है ताकि रेलवे का कायाकल्प हो और हर चीजें हाईटेक हो जिसके परिपेक्ष्य में चोपन में भी रेलवे के द्वारा करोड़ों रुपए के लागतों से तमाम तरह के निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं जिसमें ट्रेनों के धुलाई के लिए भी लगभग पांच सौ मीटर लंबा वाशिंग पिट बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह किन्हीं कारणों से लगभग तीन सौ मीटर वाशिंग पिट धराशाही हो गया जिसके बाद संज्ञान में आते ही ठेकेदार द्वारा कमियों को छुपाने के लिए पूरे धराशाई हुए वाशिंग पीट को काले प्लास्टिक से ढक दिया गया ताकि किसी की नजर ना पड़ सके परंतु कुछ लोगों ने घटना को देख लिया और यह बात मीडिया तक पहुंच गई इसके बाद मौके पर जाकर स्थानीय मीडिया कर्मियों ने धराशाही हुए वाशिंग पिट को अपने कैमरे में कैद कर लिया। वही इस बात की जानकारी जब रेलवे के उच्च अधिकारियों को हुई तो हड़कंप मच गया हालांकि जब कंट्रक्शन विभाग के आई.ओ. डब्ल्यू अवधेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है बरहाल मैं छुट्टी पर हूं आने के बाद जांच किया जाएगा तथा घटना के बाबत उच्चाधिकारियों को सूचना दे दिया गया है। मजे की बात यह है कि जब इसी विभाग के एक्सईएन से बात किया गया तो उन्होंने घटना के बाबत अनभिज्ञता जाहिर की परंतु मीडिया कर्मियों के तीखे सवालों के सामने बहुत देर तक टिक नहीं पाए और उन्होंने बताया कि यह कार्य गलत तरीके से हुआ था जिसके चलते इसको हम लोगों ने डिस्ट्रॉय करवाया है ना कि अपने से धराशाई हुआ है। अब सवाल यह उठता है कि जब रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग के द्वारा कराए जा रहे कार्यों की समय-समय पर कंस्ट्रक्शन विभाग के उच्चाधिकारियों सहित डीआरएम, मुख्य प्रबंधक आदि उच्चाधिकारियों के द्वारा मानिटरिंग भी की जाती रही है साथ ही मौके पर ड्यूटीरत कंट्रक्शन विभाग के संबंधित अधिकारीगण भी अपने देखरेख में कार्य करवाते हैं। अब प्रश्न उठना लाजिमी है कि इतना लंबा वाशिंग पिट जब गलत तरीके से निर्माण हो रहा था तो यह संबंधित अधिकारी कहां थे समय रहते ही क्यों नहीं कार्य को रुकवा कर गुणवत्ता पूर्वक करवाए अब जबकि लगभग तीन सौ मीटर वाशिंग पीट को बनाने में बताया जा रहा है कि लगभग करोड़ों रुपए खर्च हो चुका है आखिर इसकी भरपाई कहां से होगी। सूत्रों की माने तो रेलवे कंस्ट्रक्शन विभाग के द्वारा चोपन सेक्शन के अंतर्गत करवाए जा रहे निर्माण कार्यों में बेखौफ होकर धड़ल्ले से मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए कार्य कराया जा रहा है अभी कुछ दिन पूर्व ही कंस्ट्रक्शन विभाग के द्वारा चार नंबर ईट से जोड़ाई का कार्य कराया जा रहा था जिस पर स्थानीय मीडिया कर्मियों के द्वारा जब सवाल खड़ा किया गया तो संबंधित ठेकेदार आनन फानन में पूरे ईट को वहां से हटवा दिया गया। लोगों का कहना है कि यदि इसी तरह सरकार के पैसे को इन ठेकेदारों द्वारा और रेलवे के अधिकारियों के मिलीभगत से गड़बड़झाला किया जायेगा तो सरकार के मनसा के पूरी तरह खिलाफ हैं लोगों ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।