बरेली के थाना कोतवाली क्षेत्र में सिकलापुर चौराहे के पास घर में सो रहे 62 वर्षीय दयाशंकर की सगे भतीजे ने संपत्ति के विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी। घटना सुनियोजित तरीके से रविवार आधी रात के बाद की गई और अपने दुश्मनों को फंसाने के लिए उनके खिलाफ नामजद रिपोर्ट करा दी। पुलिस ने लगातार 15 घंटे जांच के बाद हकीकत का पता कर लिया। आरोपी मंगलवार को जेल भेजा जाएगा।
रविवार रात एक बजे रितिक नाम के युवक ने कोतवाली में दीवान को कॉल करके अपने चाचा दयाशंकर की हत्या की सूचना दी। सिकलापुर चौराहा घटनास्थल बताया गया जो कोतवाली से महज आधा किमी दूर था। सूचना से पुलिस हैरान रह गई।
इंस्पेक्टर अमित पांडेय व सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। यहां बुजुर्ग का शव उनके बिस्तर पर रक्तरंजित पड़ा मिला। रितिक ने जो बातें बताई वह चौंकाने वाली थीं। उसने पांच लोगों के नाम बताए। कहा कि यह लोग उसे मारने आए थे और उसके चाचा को धोखे में गोली मारकर चले गए।
15 घंटे की जांच में चौंकाने वाला खुलासा
इन पांच लोगों में नीरज, अमित, सचिन, वासू व अप्पू शामिल थे। इनमें अमित व सचिन आपस में सगे भाई थे। एसपी सिटी मानुष पारीक भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने निर्देश दिया तो पुलिस ने रात में ही इन लोगों को इनके घर से पकड़ लिया। अधिकांश लोग घरों में बेफिक्र होकर सो रहे थे। पुलिस ने इनसे पूछताछ व सभी तरीकों से जांच शुरू कर दी। लगातार ऐसी जानकारियां सामने आती गई कि रितिक की ही गर्दन पर फंदा कसता चला गया। करीब 15 घंटे तक चली जांच में मामले का खुलासा हो गया। रितिक ने आरोप कबूल कर लिया।
चाचा के साथ दुश्मनों को भी ठिकाने लगाने के लिए रची थी साजिश
बरेली के सिकलापुर में अपने चाचा की हत्या करने वाले रितिक ने एक तीर से दो निशाने साधने की हरसंभव कोशिश की। वह चाहता था कि चाचा की हत्या कर संपत्ति कब्जा ले और उनकी हत्या में दुश्मनों को जेल भिजवा दे, हालांकि घटनास्थल पर पहुंचते ही उसकी कारस्तानी की परतें खुलती चली गईं। सीसीटीवी फुटेज में वह बिजली काटता नजर आ रहा है। इसके कारण घर में लगे कैमरे बंद हो गए थे। सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव व कोतवाल अमित पांडेय ने घटनास्थल पर जाकर देखा तो रितिक के घर में अंदर-बाहर छह सीसीटीवी कैमरे लगे थे। जिस कमरे में दयाशंकर का शव बिस्तर पर पड़ा था, वहां भी कैमरा लगा था। तब लगा कि हत्यारोपी फुटेज में आ ही गए होंगे।
काटी घर की बिजली
रितिक से डीवीआर दिखवाने के लिए कहा तो उसने बताया कि नीरज और उसके साथियों से 15 मार्च को उसका प्रेमनगर में झगड़ा हुआ था। उन लोगों ने उसकी हत्या की धमकी दी थी। एक दिन पहले ये लोग उसका दरवाजा तोड़ गए। इसलिए वह जानबूझकर घर से चला गया था। रितिक ने बताया कि आरोपियों ने घर में आते ही उसके घर की लाइट बिजली काट दी, इससे सभी कैमरे बंद हो गए। उसने घर लौटकर ये घटना देखी तो तार जोड़कर पहले बिजली चालू की फिर पुलिस को सूचना दे दी।
22 मिनट के लिए बंद हुए कैमरे
यहीं से रितिक पुलिस के रडार पर आ गया। पुलिस ने रास्ते के दूसरे सीसीटीवी चेक किए तो इसी 22 मिनट की अवधि में रितिक के घर आने व जाने की पुष्टि हो गई। यहां तक कि लाइन काटते वक्त की फुटेज मिल गई। सर्विलांस ने भी पुलिस की मदद की, आरोपियों का घटनास्थल से दूर तक वास्ता नहीं मिला। दुकान बेचने की जुगत में थे दयाशंकर पुलिस को पता लगा कि दयाशंकर खाने-पीने के शौकीन थे। इसी वजह से उनकी पत्नी उन्हें छोड़कर चली गई थी।
वह अपने बड़े भाई (रितिक के पिता) के साथ संयुक्त परिवार में रहते थे। घर के नीचे बनी तीन दुकानों में एक उनके हिस्से में थी। इसे बेचने का उन्होंने सौदा कर पेशगी में तीस हजार रुपये ले लिए थे। रितिक को यह पता लगा तो उसने विरोध किया और देनदार को रकम वापस कर सौदा तुड़वा दिया। रितिक को पता लगा था कि चाचा दोबारा से कुछ लोगों से दुकान बेचने का सौदा करने वाले हैं। उसने संपत्ति कम होने की खातिर उनकी हत्या कर दी और उनकी हत्या में आरोपी बनाकर दुश्मनों को रास्ते से हटाना चाहता था।