सपा सरकार में एससी/एसटी पदाधिकारियों के न होने से दलितों की नहीं होती थी सुनवाई  – बृजलाल 

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लखनऊ।अनुसूचित जाति जनजाति की शिकायतों के लिए आयोग ने ऑनलाइन पोर्टल लांच किया है । इस अवसर पर आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने पूर्व सपा सरकार पर हमला बोला। अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रदेश की पिछली सरकार दलित उत्पीड़न रोकथाम के लिए कुछ भी नहीं किया।यहाँ तक अनुसूचित जाति जनजाति से संबधित किसी भी आयोग पर एससी एसटी जाति 
को  पदभार नहीं दिया। जिसके कारण  दलितों उत्पीड़न मामले की सुनवाई नहीं होती थी।  
आयोग अध्यक्ष बृजलाल ने अपने तीन महीने कार्यकाल पूर्ण होने पर कहा कि विभाग द्वारा जारी की गई “यूपी एससी/एसटी डॉट इन” साइट पोर्टल के जरिये अब दलित उत्पीड़न मामले की सुनवाई जल्द होगी। इसके लिए बेवसाइट पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है उन्हें एक पासवर्ड मिलेगा उसे नोट करके अपने पास रख ले और उससे अपनी शिकायत की स्थिति,आयोग से सम्मन जारी होने की सूचना एवं अपने प्रकरण में सुनवाई की तिथि घर बैठे मालूम कर सकते है।  
उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा तत्परतापूर्र्वक से मामलों का निस्तारण कराते हुए पीड़ितों को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिलाया गया। जिसके फलस्वरूप पूर्व से लंबित चल रहे 757 एवं मेरी तीन माह की अल्पावधि में कुल 723 प्रकरण आये।  इस प्रकार मेरे द्वारा अब तक कुल 1480 प्रकरणों का अनुश्रण किया गया।  जिसमे से 555 मामले उत्पीड़न के 278 मामले राजस्व के एवं 92 विभागीय मामलें कुल 925 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। 
बृजलाल ने कहा कि आयोग को मिली शिकायतों के बाद मामले को गंभीरतापूर्वक संज्ञात लेकर इस तीन माह की कार्यकाल में 41 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए पीड़ित परिवार को तिरसठ लाख अड़तीस हजार सात सौ पचास रुपये की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में आयोग ने दिया।  
समाचार पत्रों या अन्य स्रोतों से मिली जानकारी प्राप्त होने पर मामले की सीधे संज्ञात लिया गया। जिनमें आजमगढ़,बदायूं ,प्रतापगढ़ ,मथुरा ,लखनऊ सहारनपुर के साथ ही मेरठ में दलितों के साथ हुए अत्याचार व उत्पीड़न के मामले को लेकर कार्रवाई हुई। अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति जनजाति को आरक्षण को लेकर कहा कि  विश्वविद्यालय में आरक्षण के संबंध में आयोग द्वारा संज्ञात लिया गया , और विश्वविद्यालय प्रशासन से जबाब भी मांगने की नोटिस भी दी गयी।
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