नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। बता दें कि उमर खालिद को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे कथित साजिश में शामिल होने के आरोप में UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था।
उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जज बेला एम त्रिवेदी और जज सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले को स्थगित कर दिया। उन्होंने उमर खालिद की वकील कपिल सिब्बल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू के उपलब्ध नहीं होने के कारण मामले को स्थगित कर दिया।
पीठ ने कहा कि इस मामले पर बहस करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित नहीं है, जिस वजह से याचिकाकर्ता और भारत सरकार के अनुरोध पर इस सुनवाई को 10 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज प्रशांत कुमार मिश्रा ने 9 अगस्त को उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। बता दें कि उमर खालिद ने दिल्ली हाई कोर्ट के 18 अक्टूबर 2022 के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने पूर्व छात्र नेता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज किया था कि कि वह अन्य सह-आरोपियों के लगातार संपर्क में था और उसके खिलाफ आरोप सही थे। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी की कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी अधिनियम के रूप में योग्य है।