हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों में हज़ारों पद समाप्त कर दिए हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह पद बीते दो साल या इससे अधिक समय से खाली थे और अब इन पदों को भविष्य में जारी नहीं रखा जाएगा। सरकार के वित्त विभाग ने यह पद समाप्त करने के संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए वित्त विभाग ने 14 अगस्त 2012 के निर्देशों को आधार बनाया गया है। माना जा रहा है कि रिक्त चल रहे इन पदों को भरे बिना ही विभागों का काम संतोषजनक ढंग से चल रहा है, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी विभागों के साथ सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में उन पदों को समाप्त माना जाएगा, जो दो साल या इससे अधिक समय से रिक्त चल रहे हैं। साथ ही सम्बंधित विभाग की बजट बुक से इन पदों का हटाना सुनिश्चित किया जाएगा और इसमें विभागों की ओर से किसी तरह की बहानेबाजी नहीं की जानी चाहिए।
देवेश कुमार द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि 14 अगस्त 2012 को भी विभाग ने ये आदेश जारी किए थे, लेकिन इन पर अमल नहीं किया गया। किसी भी विभाग ने इन आदेशों की अनुपालना नहीं की और न ही वित्त विभाग को अब तक इससे जुड़ा डाटा भेजा गया है। राज्य सरकार ने इस मुद्दे को बड़ी गम्भीरता से लेते हुए फैसला लिया है कि कोई भी पद चाहे नियमित हो या अस्थायी हैं, अगर दो साल या इससे अधिक समय से खाली है, तो इन्हें तुरंत समाप्त माना जाएगा।
देवेश कुमार ने यह भी स्पष्ट किया है कि दो साल या इससे अधिक समय से रिक्त चल रहे पदों को भरने का कोई भी प्रस्ताव वित्त विभाग को न भेजा जाए। इन दिशा-निर्देशों की सख्ती से अनुपालना की जाए। अगर अनुपालना नहीं की गई तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग या संगठन की रहेगी। यह आदेश विभागों के अलावा सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों पर भी लागू होंगे। आदेशों की प्रति सभी बोर्ड, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और प्रबंध निदेशकों के अलावा राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य चयन आयोग, विद्युत नियामक आयोग, सभी उपायुक्तों और सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी भेजी गई है।
कांग्रेस ने चुनाव में किया था रोजगार देने का वायदा
साल 2022 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। व्यवस्था परिवर्तन का नारा देते हुए कांग्रेस ने हर साल एक लाख नौकरियों के अवसर पैदा करने की गारंटी दी थी। हालांकि हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक के मामले के कारण खाली पदों को भरने में विलंब हुआ है। उधर विपक्षी भाजपा नौकरियों के मुद्दे पर प्रदेश की सुक्खू सरकार को लगातार घेर रहा है।
हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सिरमौर के पच्छाद से भाजपा विधायक रीना कश्यप ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) लाइब्रेरी के पदों पर सवाल उठाया था। इसके जवाब में सरकार ने बताया कि 771 पद सृजित किए गए हैं। मगर 31 जुलाई 2024 तक केवल 4 पद ही भरे गए, जबकि 767 पद खाली हैं। पिछली कैबिनेट बैठक में सरकार ने 2 हज़ार वन मित्रों की भर्ती को मंजूरी दी है। इसके अलावा पुलिस कांस्टेबल के एक हज़ार पदों को भरने की भी प्रक्रिया जारी है।