कैन्ट व कोतवाली पुलिस के बीच देर रात हुई बदमाशों की मुठभेड़ में दो बदमाशों के पैर में लगी गोली

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अवधनामा संवाददाता

अयोध्या।  बीती रात में कोतवाली नगर के जलपानाला स्थित गुप्ता होटल चौराहे पर प्र0नि0 कोतवाली नगर देवेन्द्र सिंह मय पुलिस बल के साथ  संदिग्ध वाहनो की चेकिंग की जा रही थी। चेकिंग के दौरान ही महोबरा चौराहे की ओर से आ रही दो मोटर साइकिल को रोकने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा तेजी से मोटर साइकिल को भगाते हुये पुलिस को धक्का देकर गैस गोदाम की तरफ भागे।  संदिग्ध व अपराधी प्रतीत होने पर पुकिस द्वारा उनका पीछा गया जो धारा रोड की तरफ भागे जहां से प्र0नि0 कैन्ट अपने हमराह पुलिस बल एंव परिक्रमा मार्ग की ओर से प्र0नि0कोतवाली नगर पुलिस बल के द्वारा अफीफ कोठी के पास बदमाशो की घेराबन्दी की गयी। तो बदमाशो ने पुलिस बल पर जान से मारने की नीयत से फायर करना शुरू कर दिया जबाबी कार्यवाही मे पुलिस बल द्वारा अपनी  आत्म रक्षा मे फायरिंग की तो दो  बदमाश रोड के किनारे घायल अवस्था में गिर गये। जिन्हें पुलिस ने घायल अवस्था मे लाकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। दोनों बदमाशो के पैर में गोली लगी हैं। 
गिरफ्तार दोनों बदमाशो की पहचान गोकरन उर्फ करन उर्फ सोनू निषाद पुत्र भगवान दास नि0 मुरावन टोला तोपपुर थाना कैन्ट जनपद अयोध्या, व  राजेश निषाद पुत्र रामसुरेश नि0 हाजीपुर सिंहपुर थाना कैन्ट अयोध्या के रूप में हुई हैं।  
घटना बीती सुबह अफीम कोठी के पीछे परिक्रमा मार्ग पर प्रातः 3.25 बजे की बताई जा रहीं हैं। बदमाशो के पास से लूटी गई पांच  चैन पीली धातु की, दो कान के टप्स पीली धातु, दो  तंमचा 315 बोर मय 04 खोखा कारतूस एंव 04 जिन्दा कारतूस के साथ- एक अपाचे मोटर साइकिल जिस पर फर्जी नम्बर प्लेट व एक मोटर साइकिल यू0पी0 42ए0यू0 4460 वास्तविक न0 यू0पी0 43एपी0 1252 के साथ- साथ लूटे गये चैन बिक्री के शेष बचे 4000 रूपय- एक  नजायज चाकू, एक पिटठू बैग जिसके अन्दर से, एक अदद लोहे का प्लास, दो पेचकस, दो  रेती, एक केविल कटर, एक लोहे का औजार मोटर साइकिल लाक तोडने वाला,  मोटर साइकिल चाभीयां एम मोटर साइकिल का लाक टूटा हुआ, एक औजार मे धार लगाने वाला पत्थर, दो  मोटर साइकिल की स्विच मय केविल, दो नम्बर प्लेट वाहन सं0 यू0पी0 51बी0सी0 1943, एंव दो  नम्बर प्लेट वाहन सं0 यू0पी0. 43एपी 1252 व तीन रिंच, एक जमूरा औजार (रिपीट काटने के लिये) छः  छोटे बडे नट एंव बोल्ट को बरामद किया है। 
गिरफ्तार अभियुक्तों पर  विभिन्न अपराधो में कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत दर्ज कर दिया गया है।  धारा 392.411 भादवि0 थाना कोतवाली नगर अयोध्या, 284/22 धारा 392.411 भादवि0 थाना कोतवाली नगर अयोध्या, धारा 392.411 भादवि0 थाना कोतवाली नगर अयोध्या, धारा 392.411 भादवि0 थाना कोतवाली नगर अयोध्या, धारा 392.411 भादवि0 थाना बीकापुर अयोध्या, धारा 392.411 भादवि0 थाना महराजगंज अयोध्या, धारा 392.452.506.411 भादवि0 थाना कोतवाली बाराबंकी, इनका पूर्व अपराधिक इतिहास भी सामने आया हैं। जिसमें
 अभियुक्त गोकरन उर्फ करन उर्फ सोनू निषाद पर  लखनऊ के चिनहट थाने में 2015 में धारा 392.411 में मुकदमा दर्ज है इसी प्रकार थाना उपरुक्त में इसके विरुद्ध 41, 411, 420, 467, 468, 471 में भी अपराध दर्ज हैं। इसी प्रकार दूसरे अभियुक्त  राजेश  निषाद के ऊपर अयोध्या के थाना कैन्ट में धारा 392, 506, धारा 3/25 शस्त्र अधिनियम, धारा 10 गुण्डा अधि0 थाना कैन्ट अयोध्या।
4-मु0अ0सं0 507/20 धारा 8/20 एनडीपीएस0 एक्ट में अपराध दर्ज हैं।
अयोध्या पुलिस का मुठभेड़ में  खेल  
 
अयोध्या। बीती रात कोतवाली नगर व थाना कैन्ट पुलिस द्वारा बदमाशो से हुई मुठभेड़ में खेल देखने को मिला जहां पुलिस ने अपनी वाहवाही लूटने के चक्कर में घटना के समय व मुठभेड़ मे घायल अभियुक्तों को अस्पताल में भर्ती करने के समय का भी ठीक से आकलन नहीं कर सकी और वाहवही लूटने के फेर में जल्दबाजी करते हुए मीडिया सेल पर भी प्रेस नोट जारी कर दिया। बताते चले कि पुलिस ने मीडिया सेल पर घटना का समय 1 मई की सुबह 3:25 बजे दर्शाया गया हैं। जबकि मुठभेड़ में घायल अभियुक्त को जिला अस्पताल में देर रात 1:15 बजे दर्ज कराया गया। जबकि पुलिस ने अपने को बचाने के लिये जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट पर जोर डालकर एक दूसरा मेमो बनवाया जिसपर समय अपने अनुसार सुबह 3:25 बजे दर्ज कराकर उसे कोतवाली रिकार्ड में दिखाया गया। अब सवालों के घेरे में जिला चिकित्सालय में रात्रि डियूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र कुमार व फार्मासिस्ट विजय कुमार वर्मा भी आते है कि सरकारी दस्तावेज के साथ पुलिस व चिकित्सालय प्रशासन छेड़छाड़ किया गया। जो कि नियमविरुद्ध है जबकि यही अस्पताल प्रशासन जब किसी मरीज का नाम दुरुस्त करवाना होता है तो उसे तमाम प्रक्रिया बताई जाती है कि आप पहले सीएमएस से लिखित में लाओ फिर एक शपथपत्र जमा करो तब दस्तावेजों में नाम संशोधन किया जा सकता हैं। ऐसे में पुलिस मुठभेड़ में जो कुछ हुआ वह कही न कही सरकारी काम को अंजाम देने मात्र खानापूर्ति कर ली गई।
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