विश्व हिन्दू परिषद गोरक्ष प्रान्त की दो दिवसीय बैठक हुई संपन्न

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Two-day meeting of Vishwa Hindu Parishad Goraksha province concluded

अवधनामा संवाददाता

आजमगढ़ (Azamgrh)। 1 लाख से अधिक स्थानों पर स्थापना दिवस के कार्यक्रम, कोरोना से रक्षा, अवैध मतांतरण पर रोक व मठ-मंदिरों की मुक्ति के संकल्प के साथ विश्व हिन्दू परिषद गोरक्ष प्रान्त की दो दिवसीय बैठक हरिश्चन्द्र मिश्रा पब्लिक स्कूल में संपन्न हो गयी। बैठक की विस्तृत जानकारी देते हुए विहिप कार्याध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान में पूरे देश मे संपर्क किए गए गाँवों में से एक लाख से अधिक स्थानों पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाएंगे। कोरोना की तीसरी लहर से रक्षा व उसके विरुद्ध युद्ध का आगाज इस बैठक में हुआ है। हम देशभर की हिन्दू शक्तियों के साथ मिलकर भारत के एक लाख से अधिक गावों एवं शहरी बस्तियों में व्यापक जन-जागरण कर न सिर्फ लोगों को इससे बचाव के प्रति जागरुक करेंगे अपितु, पीड़ित परिवारों की हर सम्भव मदद भी करेंगे। इस महामारी द्वारा इस बार बच्चों को विशेष निशाना बनाए जाने की सम्भावना को देखते हुए हम महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था कर रहे हैं। संकट के समय पर अकेली सरकार ही नहीं, सम्पूर्ण समाज जुटता है,तभी उससे मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि अवैध मतांतरण एक राष्ट्रीय अभिशाप है, जिससे मुक्ति मिलनी ही चाहिए। इस पर रोक हेतु 11 राज्यों में तो कानून हैं किन्तु समस्या व षड़यंत्र राष्ट्रव्यापी हैं। इसलिए हमारा सर्व-सम्मत मत है कि इसके लिए केन्द्रीय कानून बनना ही चाहिए। तभी इस अभिशाप से मुक्ति मिल सकती है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के कई निर्णयों व वर्तमान परिस्थितियों से भी यह स्पष्ट हो चुका है कि केंद्र सरकार को इस बारे में और विलंब नहीं करना चाहिए। हमने हिन्दू समाज से भी आह्वान किया है कि मुल्ला-मिशनरियों के भारत विरोधी व हिन्दू द्रोही षड़यंत्रों पर सजग निगाहें रखकर सभी संविधान सम्मत उपायों के माध्यम से इन पर रोक लगाए। आलोक कुमार ने यह भी कहा कि बैठक में देशभर के मठ-मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण से मुक्ति हेतु भी एक प्रस्ताव फ़रीदाबाद में आयोजित हुई केंद्रीय प्रन्यासी मण्डल एवम प्रबन्ध समिति की बैठक में किया गया था। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि मठ-मंदिर न केवल आस्था अपितु, चिरंजीवी शक्ति के केन्द्र व हिन्दू समाज की आत्मा हैं। इन्हें सरकारी नियंत्रण में नहीं रखा जा सकता। समाज को स्वयं इनकी देख-भाल व संचालन का दायित्व सौंपना चाहिए। चिदम्बरम् नटराज मंदिर मामले सहित कई बार माननीय न्यायपालिका ने भी कहा है कि सरकारों को मंदिरों के नियंत्रण का कोई अधिकार नहीं है इसलिए विश्व भर से जुड़े विहिप कार्यकर्ताओं ने एक स्वर से अपील करते हुए केन्द्र सरकार से कहा है कि इस हेतु भी एक केन्द्रीय कानून बनाकर मठ-मंदिरों व धार्मिक संस्थाओं को सरकार नियंत्रण से मुक्ति दिलाकर हिन्दू समाज को सौंपा जाए ताकि संत और भक्त इनकी धार्मिक व प्रशासनिक व्यवस्थायें वहां की समाजोन्मुखी व संस्कारक्षम परम्पराओं को पुनः स्थापित कर सकें। बैठक में आए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री श्रीमान चंपत राय जी ने भी उपस्थित कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। बैठक में पूरे गोरक्ष प्रांत से कोरोना नियमों का पालन करते हुए डेढ़ सौ से अधिक कार्यकर्ता पदाधिकारी सम्मिलित हुए इसमें कुछ कार्यकर्ताओं को नए पद की जिम्मेदारी भी दी गई।
इस मौके पर जिलामंत्री गोरव रघुवंशी, कार्याध्यक्ष प्रभुनाथ सिंह, कोषाध्यक्ष आशीष गोयल, पंकज मिश्रा, दीनानाथ सिंह, अरविन्द मोदनवाल, अरविन्द अग्रवाल, मनोज सिंह, हिमांशु राय, रविन्द्र पांडेय, उत्कर्ष, अभि निषाद, बलवंत सिंह, अनिरूद्ध, अविनाश, चन्द्रकेश, सूर्या आदि मौजूद रहे।

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