Sunday, March 2, 2025
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दो दिवसीय लोकरंग कार्यक्रम 14 व 15 अप्रैल को

अवधनामा संवाददाता

कार्यक्रम की तैयारी पूर्ण, विविध लोकनृत्य, लोकगायकी और लोकवाद्यों का किया जायेगा प्रदर्शन
कुशीनगर। लोकसंस्कृतियों के संवर्द्धन और संरक्षण के लिए हर वर्ष कुशीनगर जिले के फाजिलनगर के जोगिया जनूबी पट्टी मे आयोजित होने वाला दो दिवसीय लोकरंग 2022 ‘ कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गयी है। यह कार्यक्रम 14 और 15 अप्रैल की रात्रि में लोकरण परिसर में होगा, जिसमें विविध लोकनृत्य, लोकगायकी और लोकवाद्यों का प्रदर्शन किया जायेगा।
यह कहना है लोकरंग सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष सुभाष चंद्र कुशवाहा व वरिष्ठ पत्रकार मनोज सिंह का। श्री कुशवाहा व श्री सिंह गुरुवार को पडरौना नगर के के होटल मे पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल को प्रातः 11 बजे से विचार गोष्ठी आयोजित की गयी है , जिसमें देश- विदेश के लोकसंस्कृति विशेषज्ञ, साहित्यकार एवं पत्रकार भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि विगत 15 वर्षों से जारी लोकरंग महोत्सव ने देश – विदेशों में अपनी अलग पहचान बनाई है। फूहड़पन के विरुद्ध, जनसंस्कृति का सवर्द्धन इस आयोजन का मूल उद्देश्य है। इन्होने बताया कि इस कार्यक्रम मे सात समन्दर पार नीदरलैंड से मशहूर सरनामी भोजपुरी गायक राजमोहन पधार रहे हैं , जिनके पूर्वज बस्ती जनपद के सरनागी गांव से गिरमिटिया मजदूर के रूप में अंग्रेजों द्वारा सूरीनाम ले जाए गए थे। उनके अलावा लोकरंग कार्यक्रम मे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र की सांस्कृतिक टीमें भाग ले रही हैं। लोकरंग 2022 ‘ के लोक उत्सव में पहली बार महाराष्ट्र का लावणी, गोंधळ और कोली लोकनृत्यों को प्रस्तुत किया जा रहा राजस्थान के बाड़मेर से भुंगरखान मंगणियार एवं साथी कलाकार विविध राजस्थानी लोकनृत्यो को  प्रस्तुत करेंगे तो वही ताल नृत्य संस्थान, भागलपुर, बिहार द्वारा झिझिया, गोदना है। इसके अलावा  जट – जटिन लोकनृत्य, बिदेशिया और डोमकच नृत्य नाटिकाओं की प्रस्तुतियाँ देखने को मिलेंगी । गाव की लड़कियां झूमर गीत प्रस्तुत करेंगी जबकि बलिया की संस्था संकल्प द्वारा परपरागत भोजपुरी लोकगीतों, जनगीतों की प्रस्तुतिकरण की जायेगी। रामकोला की टीम द्वारा बांसुरी वादन होगा । पहली रात आजमगढ़ की सूत्रधार संस्था द्वारा 1857 विद्रोह के गुमनाम नायक, बोधू सिंह अहीर के जीवन पर नाट्य मंचन  किया जायेगा।
कार्यक्रम की दूसरी रात, ‘ नाद ‘ पटना द्वारा भोजपुरी लोकगीतों के अलावा नीदरलैंड के सरनामी भोजपुरी गायक , राजमोहन  , गिरमिटिया समाज के दुखःदर्द और भारत – भूमि से विछोह के गीतों को प्रस्तुत कर इस माटी से अपना जुड़ाव प्रदर्शित करेंगे । उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का संचालन देश के जाने – माने कवि  व प्रोफेसर दिनेश कुशवाह करेंगे। इस दौरान संस्था हदीश अंसारी, भुनेश्वर राय, सिकन्दर कुमार गोड व इसरायल अंसारी उपस्थित रहे।
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