प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में उर्वरक की जमाखोरी एवं कालाबाजारी पर रोक लगाने के दृष्टिगत कृषि विभाग द्वारा 18 जोन में चलाये गये दो दिवसीय अभियान में 3119 उर्वरक व्यवसाय प्रतिष्ठानों पर छापा मारकर 653 नमूने संग्रहीत किये गये। उन्होंने बताया कि आकस्मिक निरीक्षण की इस कार्यवाही में 247 उर्वरक विक्रेताओं को कारण बताओं नोटिस निर्गत किया गया, जबकि 158 विक्रेताओं के लाईसेंस निलम्बित एवं 15 विक्रेताओं के लाईसेंस निरस्त किये गये। 94 विक्रेताओं को चेतावनी निर्गत की गयी और 15 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर बिक्री प्रतिबंधित करने के साथ ही 06 प्रतिष्ठान सील किये गये। उन्होंने बताया कि 02 उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी, जबकि यूरिया के साथ टैगिंग करने के आरोप में 07 लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है।
श्री शाही ने बताया कि अपर निदेशक एवं संयुक्त निदेशक स्तर के 19 अधिकारियों को भी 02-02 जनपद आवंटित करते हुये अपने-अपने जनपदों में औचक निरीक्षण के निर्देश दिये गये हैं, जो जनपदों में उर्वरक के थोक एवं फुटकर विक्रेताओं, एजेंसियों एवं साधन सहकारी समितियों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में यूरिया उर्वरक की कहीं कोई कमी नहीं है। किसान अपनी जरूरत के अनुसार ही उर्वरकों का क्रय करें। उन्हे भण्डार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रदेश में यूरिया का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध है और निरन्तर आपूर्ति सुनिश्चित करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उर्वरक की जमाखोरी एवं कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश सरकार किसानों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होने देगी। सरकार निरंतर जीरो टाॅलरेंस नीति पर कार्य कर रही है।
कृषि मंत्री ने बताया कि सहकारिता क्षेत्र में 2.00 लाख मी0टन यूरिया उर्वरक का स्टाक उपलब्ध है, जिन जनपदों में यूरिया उर्वरक की माॅग बढी हुयी है, वहाॅ पर 50 प्रतिशत तक यूरिया का अवमुक्त करते हुए साधन सहकारी समितियों पर भेजकर कृषकों को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि सहकारिता, यू0पी0 स्टेट एग्रो, गन्ना संघ के अतिरिक्त अन्य संस्थाओं यथा उद्यान, एग्रीजंक्शन, आई0एफ0एफ0डी0सी0 एवं इफको ई-बाजार को भी इफको एवं कृभको की यूरिया उर्वरक उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने बाराबंकी, बस्ती, अयोध्या जनपद की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की तथा सीतापुर, सोनभद्र एवं वाराणसी के जिलाधिकारी से दूरभाष पर वार्ता कर उन्हें जनपद में किसानों की उर्वरक समस्याओं के निराकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि वास्तविक उपभोक्ताओं की पहचान कर उन्हें उनकी जोत के आधार पर उर्वरक उपलब्ध करायी जाये।
श्री शाही ने कहा कि उर्वरकों की कैशलेस बिक्री कराने हेतु क्यूआर कोड की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करायी जाये। कृषकों को उर्वरकों की बिक्री उनकी जोत-बही में अंकित कृषित भूमि एवं फसलवार संस्तुत मात्रा के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध कराये जाये, ताकि महंगे उर्वरको का असंतुलित प्रयोग एवं कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यो में दुरूपयोग को नियंत्रित किया जा सके। क्रेता किसानों को उर्वरक खरीद की पर्ची/कैश मेमों आवश्यक रूप से प्राप्त करने हेतु जागरूक किया गया हैं। उन्होंने बताया कि सभी ब्राण्ड की यूरिया में 46 प्रतिशत नाइट्रोजन ही होता है, ऐसे में किसी भी विशेष ब्राण्ड जैसे इफको, कृभकों की यूरिया के लिए परेशान न हो।
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