अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान
मौदहा हमीरपुर। बुण्देलखण्ड की पहचान बन चुकी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की 194वीं जयंती को बुण्देलखण्ड नवनिर्माण सेना द्वारा बुण्देलखण्ड महोत्सव के रूप में मनाया गया है जिस अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके पहले दिन बुण्देली लोक संगीत का कार्यक्रम और समापन समारोह के अवसर पर बुण्देली कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें कवियों ने बुण्देलखण्ड की पृष्ठभूमि, तीर्थ स्थल सहित बुण्देली वीर सपूतों के साथ ही बुण्देली संस्कृति का नक्शा खींचा है जिससे दर्शक आनंद में झूम उठे।तो वहीं कस्बे के जाने माने बुण्देली कवि और लेखक स्व. संतोष कुमार दीक्षित की किताब संतोष काब्य निधि का विमोचन किया गया, बताते चलें कि संतोष कुमार दीक्षित कस्बे के नेशनल इण्टर कालेज के लेक्चर और जाने माने बुण्देली लेखक और कवि रहे हैं।इस दौरान उनके भाई,भतीजे सहित अन्य सम्बन्धी लोग मौजूद रहे।
कस्बे के मीरातालाब ग्राऊंड में आयोजित किए गए दो दिवसीय बुण्देली कवि सम्मेलन में जहां कवियों ने शानदार कविताओं का प्रदर्शन किया इस दौरान देशभक्ति, के साथ ही सौंदर्य का भरपूर प्रदर्शन किया।कवि सम्मेलन का आयोजन बुण्देलखण्ड नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष विनय तिवारी सहित संगठन के पदाधिकारियों ने किया जबकि मंच का संचालन बुण्देली कवि पंकज पाण्डेय ने अपनी वीर रस की कविताओं से मंच सहित अवाम को जोश में भर दिया।
कार्यक्रम का आरंभ झांसी की रानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और द्वीप प्रज्वलित कर किया गया इस दौरान मुम्बई से आईं सिंगर रेखा त्रिपाठी, सपा जिलाउपाध्यक्ष जावेद मेजर, डा.अनिल सचान,उत्तम सिंह,अनुराग पटेरिया, कृष्ण कुमार दीक्षित सहित अन्य लोगों ने किया।इस दौरान झांसी से आईं हेमा बुखारिया ने मां सरस्वती की बंदना के साथ पढा।
आराधना के स्वर दो।
शब्दों को मंत्र कर दो।।
कवि सम्मेलन की शुरुआत बाराबंकी से आए शिव किशोर तिवारी ने अपनी ओजस्वी, देशभक्ति और श्रंगार रस की कविताओं से किया।जबकि अपने हास्य व्यंग्य के साथ ही धारा 370 और 376 को लेकर बार बार कटाक्ष किया।इतना ही नहीं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर भी खुलकर व्यंग्य किया जिसका दर्शकों ने पूरा आनंद लिया।
इसके बाद भोपाल से आए हास्य कवि सत्यम गुरु ने अपनी कविताओं में महंगाई, के साथ ही आम इंसान की जिंदगी का नक्शा खींच दिया।जबकि बाल कवि वेद पस्तोर ने अपनी कविताओं में मौजूदा राजनीतिक विशेष कर ग्राम प्रधान के चुनावों में प्रत्याशियों की भीड़ को लेकर बहुत सुंदर हास्य कविता पढी जिसे लोगों ने जमकर सराहा।
जबकि सत्यम गुरु ने चाय चाय के बाद बढती मंहगाई के साथ ही यूपी पुलिस द्वारा कभी गाडिय़ों को पलट कर तो कभी इंकाउंटर द्वारा अपराधियों के खात्मे के तरीकों पर भी व्यंग्य किया।
तो वहीं बीजेपी की महिला मोर्चा निवाडी जिलाध्यक्ष और कवियत्री हेमा बुखारिया ने सनातन संस्कृति की खूबसूरती बयान करते हुए बताया कि…. रामचरित मानस जो तुलसी दास नहीं लिखते… अधरन में सबके श्रीराम नहीं होते…
इसके साथ ही राम भदावर इटावा, सुनील सुमैय्या भोपाल, शिवकिशोर तिवारी खंजन बाराबंकी, सौम्या श्रीवास्तव बांदा आदि ने भी अपनी कविताओं के माध्यम से देशभक्ति, राजनीति, सामाजिक रीति रिवाज, भाग्यवादिता सहित अन्य मुद्दों पर जमकर व्यंग्य करते हुए कविताओं के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।जबकि हेमा बुखारिया ने कांग्रेस को आडे हाथों लिया।इसके साथ ही राहुल गांधी, सिंधिया परिवार, नेहरू पर जहां व्यंग्य किए गए तो वहीं आजाद, भगत सिंह, अशफाक उल्ला के साथ ही झांसी की रानी और छत्रसाल के साथ ही अन्य बुण्देली वीरों की वीरता का बखान किया।साथ ही पत्रकारों पर भी जमकर कटाक्ष करते हुए लोगों को गुदगुदाने का काम किया।
फोटो-01,संतोष कुमार दीक्षित की पुस्तक का विमोचन