नई दिल्ली। तुर्किए और सीरिया में पिछले दिनों आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 11,000 को पार कर चुकी है लेकिन अभी भी यह आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल तुर्किये में मरने वालों की संख्या 8,500 को पार कर गई है। उन्होंने कहा, ”हम अपने किसी भी नागरिक को सड़क पर नहीं छोड़ेंगे। तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत एवं बचाव दल दिन रात हजारों इमारतों के मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश में दिन रात जुटे हैं।
जापान में 2011 में आए भूकंप के बाद से यह सबसे घातक भूकंपीय घटना है। तब भूकंप के बाद सुनामी आई थी जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए थे। सरकार से आपदा क्षेत्र में और मदद भेजने की मांग के बीच राष्ट्रपति एर्दोआन को बुधवार को भूकंप के केंद्र पजारसिक शहर और सबसे बुरी तरह प्रभावित हाते प्रांत की यात्रा करनी थी। तुर्किये के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अब लगभग 60,000 सहायता कर्मी हैं, लेकिन तबाही इतनी व्यापक है कि बहुत से लोगों को अब भी मदद पहुंचने का इंतजार है। दक्षिण-पूर्वी तुर्किये और उत्तरी सीरिया में 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप के लगभग दो दिन बाद, बचाव दल ने तीन वर्षीय एक बच्चे आरिफ कान को कहरामनमारस में एक ढह चुकी एक इमारत के मलबे के नीचे से निकाला।
लड़के के पिता, एर्टुगरुल कीसी को राहतकर्मी पहले ही मलबे से सुरक्षित निकाल चुके थे। केसी मलबे से अपने बच्चे को सुरक्षित निकाल एंबुलेंस में ले जाते देख अपने आंसू रोक नहीं पाया। कुछ घंटों पहले, बचावकर्ताओं ने 10 वर्षीय बैतूल एडिस को अदियामन शहर में उसके घर के मलबे से निकाला।
लोगों की तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच उसके दादा ने उसे चूमा और बड़े प्यार से उससे बात की। इसके बाद उसे एंबुलेंस से ले जाया गया। दो दर्जन से ज्यादा देशों के राहत दल तुर्किये के आपातकालीन कर्मियों के साथ काम कर रहे हैं तथा दुनिया के विभिन्न हिस्सों से राहत सामग्री का आना भी जारी है। एर्दोआन ने कहा कि देश के 8.5 करोड़ लोगों में से 1.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और उन्होंने 10 प्रांतों में आपातकाल घोषित कर दिया है।
तुर्किये-सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हजार के पार
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