अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में देवोत्थान एकादशी की पावन बेला पर तुलसी विवाह के भव्य आयोजन में स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा तुलसी शालिग्राम विवाह आत्मा और परमात्मा का मिलन है।
राधा विहार स्थित मंदिर में श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित देवोत्थान एकादशी पर तुलसी विवाह महोत्सव में महाराज के सानिध्य में तुलसी का विधिवत् पूजन किया गया और शालिग्राम महाराज का गंगाजल पंचामृत गुलाब जल आदि से महा स्नान कराया गया। उसके उपरांत श्रंगार कर विधिवत् मंत्रोच्चारण कर आचार्य ऋषभ शर्मा ने तुलसी माता एवं शालिग्राम जी का विवाह संपन्न कराया। विवाह में मुख्य यजमान दिनेश धीमान संजय मित्तल ने कन्यादान किया और अपने आप को परम सौभाग्यशाली मानकर भगवान के चरणों में शीष झुका कर नमन किया। सभी ने भगवान को तुलसी महारानी का पानी ग्रहण संस्कार अर्पण कर अपने जीवन को एवं अपने कुल को संवर्धन करने हेतु भगवान से प्रार्थना की और अपने सभी पापों को क्षमा करने के लिए प्रार्थना की। इसके उपरांत महाभोग अर्पण कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। तुलसी महिमा का वैज्ञानिक आधार पर मार्मिक वर्णन करते हुए स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि तुलसी सृष्टि में ऐसा वनस्पति आधार है, जिसमें 100 प्रतिशत ऑक्सीजन है, जो 24 घंटे ऑक्सीजन प्रकृति को और जीवों को प्रदान करती है। इसीलिए तुलसी पूजनीय व वंदनीय है उन्होंने कहा कि तुलसी के पौधे में औषधीय गुण प्रचुर मात्रा मे होते है, जिसमें शुगर, मधुमेह को नियंत्रित करने की अदम्य क्षमता है। तुलसी सेवन करने से तुलसी का प्रभाव जीव की शरीर की 72,000 नस नाड़ियों को प्रभावित करता है, जिससे नकारात्मकता कम होती है और शरीर में सकारात्मकता का सृजन होता है, जिससे जीव को सद्भाव और सदाचार के आधार पर जीवन का परम भाव प्राप्त करता है। महाराज श्री ने कहा कि वास्तव में प्रकृति का संतुलन शुद्ध वायु अर्थात ऑक्सीजन पर निर्भर करता है, जो प्रचुर मात्रा में तुलसी में विद्यमान है, इसलिए हमें प्राण देने वाली तुलसी को भगवती के रूप में पूजा करनी चाहिए, जो अति फलदायी है। इस अवसर पर पंडित नीरज मिश्रा, पंडित योगेश तिवारी, पंडित वासुदेव वत्स, अरुण स्वामी, राजेंद्र धीमान, अश्विनी काम्बोज, रमेश शर्मा, प्रदीप त्यागी, सुभाष कश्यप, आकाश वर्मा, पूनम, गीता, वर्षा, विभा, कमलेश, करुणा, संगीता, सुचेता, उमा आदि ने तुलसी विवाह में भाग लेकर धर्म लाभ उठाया।
उधर,गणेश नरसिंह मंदिर सेवा समिति द्वारा आयोजित तुलसी विवाह पूजा अवसर पर तुलसी माता की विधिवत पूजा की गई और शालिग्राम के संग तुलसी माता का विवाह संपन्न कराया गया और यज्ञ में आहूति डालकर सभी ने भगवान को धन्यवाद किया एवं महा भोग अर्पण कर प्रसाद वितरण किया गया। पंडित योगेश तिवारी ने कहा तुलसी माता सबका कल्याण करने वाली है।