Trump Tariff War टैरिफ से सीधे तौर पर देखें तो कंपनियों के व्यापार पर असर पड़ सकता है। ऐसी कंपनियां जो अमेरिका में सामान बेचा (निर्यात) करती हो या भारत में सामान बेचती (आयात) हो। आज हम ऐसी कंपनियों के बारे में बात करेंगे जो अमेरिकी कंपनी भारतीय मार्केट में बड़ा हिस्सा लिए हुए हैं।
नई दिल्ली। पहले 25 फीसदी टैरिफ का एलान करना, फिर रूसी तेल व्यापार से चिढ़कर 25 फीसदी और यानी कुल मिलाकर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला करना। इन्हीं सब कारणों से डोनाल्ड ट्रंप आज भारत के हर अखबार की पहली खबर बन गए हैं।
ऐसे में इन सभी का नेगेटिव असर व्यापारियों के खाते से कटने वाला है। फिर चाहें वे भारतीय व्यापारी हो या अमेरिका के कारोबारी। आज हम ऐसी अमेरिकी कंपनियों के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने भारतीय मार्केट में बड़ा हिस्सा लिया हुआ है। इसके साथ ही जानेंगे कि अमेरिकी टैरिफ इनके लिए कैसे चिंता बन गई है।
Apple
अमेरिकी कंपनी एप्पल का आज भारत में बड़ा कारोबार है। ये अपने बेस्ट क्वालिटी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट जैसे कंप्यूटर और मोबाइल फोन के लिए मशहूर है। भारत में हमेशा से ही नए एप्पल फोन ने के लिए एक अलग फैन फॉलोइंग देखी जाती है। वहीं ये महंगा होने के चलते समाज में एक सोशल स्टेटस बनाने का काम भी कर देता है।
Amazon
भारत रहने वाले करोड़ों लोग आज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं कई लोग इस संस्थान से भी जुड़े हुए हैं। पिछले साल इसी महीने अमेजन की तरफ भारत में 1 बिलियन डॉलर निवेश किए गए थे। इसलिए इस कंपनी के लिए भी भारतीय बाजार महत्वपूर्ण है।
CitiBank
इसकी शुरुआत साल 1812 न्यूयॉर्क में हुई। आज ये सिटीबैंक इंडिया के नाम से मशहूर है। ये भारतीय जनता को कई तरह की बैंकिंग सर्विस प्रदान करता है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सिटी बैंक के पास इंडिया में 3 मिलियन ग्राहक है।
Coco Cola
ऐसा कोई भी भारतीय शायद बचा हो, जिसने कोको कोला न पिया हो। कोको कोला का भारतीय एफएमसीजी इंडस्ट्री में बड़ा हिस्सा है। इस टक्कर देने के लिए कई ब्रांड मार्केट में प्रवेश कर चुके हैं। लेकिन आज भी ये अपनी पहचान बनाए हुए हैं।
साल 1956 में कोको कोला ने भारत में अपनी एंट्री ली थी। लेकिन साल 1977 में उसे कुछ सख्त नियमों के चलते भारतीय मार्केट से निकलना पड़ा। फिर साल 1993 में कोको कोला ने फिर से भारतीय बाजार में अपनी एंट्री ली। तब से ही भारतीय मार्केट का बड़ा हिस्सा लिए हुए हैं।
Cognizant
ये कंपनी भारतीय मार्केट में आईटी सर्विस प्रदान करती है। ये अमेरिकी कंपनी जरूर है, लेकिन इसकी शुरुआत कुमार महादेवा एक भारतीय ने की थी। ये सिर्फ आईटी सर्विस नहीं, बल्कि कई और तरह की जरूरी सेवाएं प्रदान करती है।
आज भारत के कई लोग इस कंपनी के अंतर्गत काम करते हैं।
Dell
अगर आप कभी कंप्यूटर खरीदने गए हो, तो आपने डेल का नाम तो जरूर सुना हो। डेल अपने इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के चलते जाना जाता है। इसके कंप्यूटर को भारतीयों द्वारा सबसे ज्यादा पंसद किया जाता है।
इसके बारे में तो आपने जरूर सुना हो, यहां तक की इस खबर को पढ़ने के लिए भी आप सबसे पहले गूगल पर ही आए होंगे। गूगल का आज प्रत्येक व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है। ये भारत में एक बड़ा हिस्सा बनाए हुए हैं। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे से लेकर दादा-दादी तक सब गूगल का उपयोग करते हैं।
कंपनियों को क्या होगा नुकसान?
भारत हमेशा से ही अपने विशाल मार्केट और अनगिनत कस्टमर के लिए जाना जाता है। हर कोई इस मार्केट में अपनी जगह बनाना चाहता है। अगर अमेरिकी टैरिफ के चलते भारत सरकार द्वारा भी निर्यात-आयात पर कोई सख्त कदम लिए जाते हैं, तो इन कंपनियों के लिए बड़ी मुसीबत आ सकती है। इसलिए ये कंपनियां अभी चिंता में है।
उदाहरण से समझें कंपनी का नुकसान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो एप्पल को सीधे तौर पर धमकी दी है कि अगर वे चिप भारत में बनाकर अमेरिका भेजती है, तो उस 100 फीसदी तक टैरिफ लगाया जा सकता है.