ललितपुर। 89वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय महरौनी सेवा केंद्र में मनाया गया। केन्द्र संचालिका राजयोगिनी चित्ररेखा दीदी ने कहा कि विश्व में सभी महान विभूतियों के जन्मोत्सव प्राय जन्मदिन के रूप में मनाते हैं, लेकिन एक परमात्मा शिव की जयंती ऐसी है जिसे जन्मदिन ना कह कर शिवरात्रि नाम से पुकारा जाता है। उन्होंने बताया कि शिव जन्म-मरण रहित है। विश्व कल्याणकारी शिव पिता का जन्म अलौकिक दिव्य होता है। दुखहर्ता-सुखकर्ता परमात्मा विश्व की सभी दुखी आत्माओं को दुखों से मुक्त करने इस पुरानी पतित कलयुगी सृष्टि को फिर से नई पावन सतयुगी सृष्टि करने तथा विश्व की सभी आत्मा को पावन बनाने के लिए इस धरा पर अवतरित होते हैं। मंच संचालिका राजयोगिनी मायारानी दीदी ने शिवरात्रि का रहस्य स्पष्ट किया। गीता दीदी ने संस्था का परिचय दिया। प्रीती दीदी ने शिव ध्वज की महिमा बताई। रूबी दीदी ने कहां कि देवों के देव महादेव हमें दुखों से छुड़ाकर सुखों की दुनिया में ले जाते हैं। अंत में राजयोग अभ्यास कराकर दिव्य अनुभूति कराई। उसके पश्चात शिव ध्वजारोहण किया। सभी भाई बहनों कार्यक्रम का लाभ लेते हुए भोग स्वीकार किया। जिसमें बीके निशा बहन, बीके पूजा बहन, बीके शिवानी बहन, बीके विद्यासागर भाई, रोहित भाई, दैवीय भ्राता लक्ष्मी नारायण सोनी, संतोष कौशिक, कमलेश राय भाई, पन्नालाल साहू, ओमप्रकाश साहू, गेंदालाल साहू एवं अनेक भाई-बहन उपस्थित है।
त्रिमूर्ति शिव जयन्ती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया
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