रः भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईएमआरसी), नई दिल्ली ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालिज को कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए एक परीक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित किया है। भारत बायोटेक (हैदराबाद) द्वारा निर्मित कोरोना वायरस के टीके ”कोवासीन” का परीक्षण 14 नवंबर से जेएनएमसी में प्रारंभ होगा जिसके लिए एक हजार स्वयंसेवकों को पंजीकरण के लिए आमंत्रित किया गया है। टीके का ट्रायल जनवरी के अंत तक चलेगा।
कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सभी आयु वर्ग और सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि के स्वयंसेवकों से क्लीनिकल परीक्षण में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवियों को वैज्ञानिक परीक्षण या अनुसंधान और मानव सेवा के लिए स्वेच्छा से आगे आना चाहिए।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालिज के प्राचार्य प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा कि क्लीनिकल परीक्षण के आयोजन के लिए डाक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अधिवक्ताओं पर आधारित एक नैतिकता समिति का गठन किया गया है। मनुष्यों में इस टीके के परीक्षण के दौरान, पहले चरण में, एंटीबाडी के उत्पादन का परीक्षण किया जाएगा जबकि बाद के चरण में यह देखा जाएगा कि यह टीका लोगों को बीमार होने से बचाता है अथवा नहीं। इस परीक्षण से यह भी पता चलेगा कि टीका प्रभावी और सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि ट्रायल में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों को वैक्सीन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी।
कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अगस्त 2020 से जेएन मेडिकल कालिज में प्लाज्मा थेरेपी भी की जा रही हैै।
भारत बायोटेक (हैदराबाद) द्वारा निर्मित कोरोना वायरस के टीके ”कोवासीन” का परीक्षण 14 नवंबर से जेएनएमसी में प्रारंभ होगा
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