मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में हुआ रोगियों का उपचार

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अवधनामा संवाददाता

बांदा। मंगलवार को आरसेटी इलाहाबाद बैंक शाखा पंडित जे0एन0 डिग्री कालेज में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम बांदा द्वारा आत्महत्या की रोकथाम पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. संपूर्णानंद मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
डा. संपूर्णानंद मिश्रा द्वारा बताया कि आत्महत्या का विचार आना अथवा आत्महत्या करने का प्रयास करना यह भी एक तरह से मानसिक रोग का लक्षण है। क्रोध, भय, चिता, अपराध बोध, उदासी या खुशी की लगातार अनुभूति, बार-बार गलत व नकारात्मक विचारों का आना भी इस बीमारी की ओर इशारा करता है। इसके लिए काउंसलिंग करवाएं साथ ही लगातार ऐसे विचार आने पर मनोरोग चिकित्सक या विशेषज्ञ से इलाज करवाएं। मनोरोग चिकित्सक डा. हर दयाल ने बताया कि आत्महत्या के पीछे डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर, पर्सनालिटी डिसऑर्डर, अचानक किसी घटना का मानसिक असर और तनाव जैसी कई वजहें हैं. इस समस्या से जूझने वाले लोग अक्सर उदास रहते हैं और उसके मन में हर समय नकारात्मक ख्याल आते रहते हैं. कई बार ये अपने आप को परिस्थितियों के सामने इतना असहाय महसूस करते हैं कि उनके मन में आत्महत्या का ख्याल आने लगता है। उसके लिए मनोरोग चिकित्सक व विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ0 रिजवाना हाशमी ने बताया कि डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को अकेले नहीं रहना चाहिए. अपने दोस्तों और परिवार के लगातार संपर्क में रहें, अपनी समस्याओं पर चर्चा करें और खुलकर उनसे मदद मांगे. अकेलेपन से बचने के लिए, किताबें पढ़ें, योग करें, अच्छी नींद लें, शराब और ड्रग्स के सेवन से बचें. अगर आप किसी ऐसी मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं जिसके बारे में आप किसी से बात नहीं कर सकते तो, टॉक थेरेपी का सहारा लें और किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करें। अनुश्रवण मूल्यांकन अधिकारी नरेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि ज्यादातर लोग किसी भी मानसिक समस्या को बीमारी नहीं मानते हैं और डॉक्टर से संपर्क करने से बचते हैं. यही वजह है कि डिप्रेशन की समस्या बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में तेजी से फैल रही है. जब मन में लगातार नकारात्मक और खुद को चोट पहुंचाने जैसे ख्याल आ रहे हों तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा अपने करीबी दोस्त या परिवार के सदस्यों से अपनी दिक्कतों के बारे में बात करनी चाहिए। कार्यशाला में दीपक कुमार शुक्ला ने उद्घोषक का कार्य किया साथ ही प्रशिक्षुओं के उज्जवल भविष्य की कामना की तथा आरसेटी डायरेक्टर प्रकाश वीर ने सबका धन्यवाद ज्ञापित किया। शिविर में साइकाइट्रिक त्रिभुवन नाथ अनुपम त्रिपाठी अशोक कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।प्रशिक्षुओं से प्रश्नोत्तरी कर उन्हें पुरस्कृत किया गया।

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