पारम्परिक लोक संस्कृति एवं कला उत्सव

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लोक संस्कृति एवं समाज कल्याण समिति, लखनऊ, उत्तर प्रदेश द्वारा दिनांक 10 नवम्बर 2020 को सांय 5 बजे से वाल्मीकी रंगशाला,उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी परिसर गोमती नगर लखनऊ में पारम्परिक लोक संस्कृति एवं कला उत्सव का आयोजन किया गया। उत्सव का उद्घाटन श्री किशोर पंत निजी सचिव, माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश एंव श्री तरूण राज, सचिव उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी एंव श्रीमती शैलजा कांत नाट्य सर्वेक्षण अधिकारी, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी तथा श्री दिलीप सिंह बाफिला चेयरमैन हिमायन इंस्टीच्यूट आफ मैनेजमंेट लखनऊ के कर कमलो द्वारा किया जायेगा। उत्सव में विभिन्न प्रांतों की विभिन्न लोक संस्कृति के विभिन्न रंग की झलक दिखाई गई उत्सव में कलाकारों को तथा कोराना वारियर्स को भी सम्मानित भी किया है। कार्यक्रम का निर्देशन हरितिमा पंत के निर्देशन में किया गया। उत्सव में संस्था के कलाकारों ने निम्न प्रस्तुतियाॅ दी
1.सरस्वती वंदना-बोल है माॅ सरस्वती. निर्देशन यूपिका तिवारी कलाकार है-आकांक्षा, वर्षा एवं अपूर्वा।
2.स्वागत गीत- लोक गायिका हरितिमा पंत के द्वारा स्वागतम स्वागतम।
3.एकल नृत्य- कलाकार है वागिशा पंत जिसके बोल है- झुमका मोरा गढ़ दे रे सोनरा।
4.उत्तराखण्ड का पारम्परिक लोक नृत्य झोड़ा जिसके गायक कलाकार है- आशा रावत, नृत्य कलाकार है- गीता र्फत्याल, गंगा नेगी, हेमा बिष्ट, हीरा नेगी, माया बिष्ट, जानकी गोश्वामी,ललित नेगी आदि।
5.एकल नृत्य- गरबा जिसके बोल है- नगाडे संग डोल बाजे। कलाकार है आंकाक्षा मिश्रा,
6.एकल गायन- लोक कलाकार दीपक सिंह द्वारा जिसके बोल है मोरे राम अवध घर आये।
7.एकल गायन- कुशुम वर्मा लोक गायिका के द्वारा जिसके बोल है- मेरे घर आई रे आई रे एक गुजरिया।
8.भोजपुरी छठ गीत पर गु्रप नृत्य-कलाकार है रूबी राज सिंन्हा,रिची सिंहा, मोहनी तिवारी, कृतिका सिंह, दीक्षा एवं करिश्मा।9. एकल गीत – जिसके बोल है कांच ही बास के बंहिगया बहंगी लचकत जाये गायिक श्रीमत कुशुम वर्मा ।
10.एकल गीत- आशा रावत के द्वारा
11.पारम्परिक लोकनृत्य जिसके बोल है-सासुल पनिया कैसे जाॅऊ कलाकार है- आंकाक्षा, वर्षा, अपूर्वा, आख्या, आकृति। गायिका यूपिका तिवारी।
12. अवधी दीपावली गीत की प्रस्तुति लोकगायिका हरितिमा पंत के द्वारा।
13.उत्तराखण्ड का पारम्परिक थडिया नृत्य की प्रस्तुति गायिका आशा रावत, कलाकार है- प्रियंका खत्री, विनोद रावत, विधाता नौटियाल,रमेश्वरी देवी, बिमला रावत, रामेश्वरी नेगी,पूनम नेगी एवं प्रीति रावत आदि।
कलाकारों का सम्मान- संस्था द्वारा इस पारम्परिक लोक संस्कृति एवं कला उत्सव में कलाकारों को मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा सम्मानित किया .त कलाकारों को मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा सम्मानित किया गया। वही कोराना महामारी के समय जिन लोगों ने सहयोग किया उन कोरोना वारियर्स को भी सम्मानित किया गया। अतं में मुख्य अतिथि महोदय ने कलाकारों एवं संस्था का आभार व्यक्त किया वही संस्कृति के संरक्षण सर्वधन एवं विकास हेतु लगी संस्था एवं कलाकारों को सुभकामनाएं दी और सभी को दीपावली पर्व की अग्रिम बधाई देते हुए उत्सव का समापन किया गया।

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