अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। जीएसटी एवं खाद सुरक्षा संबंधी समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन उप जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है। व्यापारियों ने बताया कि प्रदेश का व्यापारी एवं उद्यमी आप की नीतियों से पूरी तरह संतुष्ट है और 70 प्रतिशत व्यापारी समाज आपके साथ है फिर भी व्यापारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है यह उचित नहीं है। समस्याओं को लेकर बताया कि वर्तमान में शासन के निर्देश पर जीएसटी विभाग के अधिकारियों के द्वारा जनरल सर्वे करके व्यापारियों का उत्पीडऩ किया जा रहा है जो उचित नहीं है इसको तत्काल बंद किया जाए व्यापारी समाज इसे कतई स्वीकार नहीं करेगा। जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों का दस लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा एवं दस लाख रुपए का दुकान जलने पर बीमा कराया जाए, जीएसटी, मंडी शुल्क लेट जमा होने पर 18 प्रतिशत ब्याज से घटाकर 6 प्रतिशत की दर से किया जाए, जीएसटी के जिस व्यापारी के पास माल खरीदते समय जीएसटी के भुगतान करने के सबूत मौजूद हैं उससे वसूली करने के स्थान पर माल बेचने वाले व्यापारी जिसने कर वसूल कर जमा नहीं किया है उससे वसूली की कार्यवाही की जाए, जीएसटी विभाग द्वारा पंजीकृत व्यापारियों का आईडी कार्ड जारी किया जाए, जीएसटी, मंडी शुल्क एवं अन्य किसी भी विभाग में पेनाल्टी और ब्याज को राजस्व का हथियार ना बनाया जाए पेनल्टी ब्याज मामूली निर्धारित किया जाए, जीएसटी के पंजीकृत व्यापारियों को सामान्य मृत्यु पर दस लाख रुपए की सहायता की जाए कार्यरत सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद ग्रेजुएटी पत्नी को आधी पेंशन पारिवारिक सदस्य को नौकरी दी जाती है परंतु व्यापारियों जो करदाता, काम दाता है उसको कोई सहायता नहीं मिलती। जीएसटी मंडी एवं अन्य विभाग के कानूनों में व्यापारियों को सजा देने का कानून समाप्त किया जाए केवल जुर्माना लगाया जाए, खाद्य सुरक्षा अधिनियम की समस्याएं खाद सुरक्षा अधिनियम की धारा 69 के अनुसार एक्ट की धारा 9 का पालन करते हुए कंपाउंडिंग की व्यवस्था तुरंत लागू की जाए जिससे मामूली कमियों में चालान होने पर व्यापारियों को अदालतों में चक्कर न लगाना पड़े यह व्यवस्था अधिकांश राज्यों में शुरू हो चुकी है, खाद सुरक्षा अधिनियम. फूड एक्ट के लिए पूर्णकालिक न्याय निर्णायक अधिकारी को नियुक्त किया जाना चाहिए जिससे व्यापारी को शीघ्र ही न्याय मिल सके। सैंपल जांचने के मानक 40 वर्ष पुराने बने हुए हैं अत: अब नए मानक निर्धारित किए जाएं। खाद अधिनियम के अंतर्गत दीपावली ,होली, ईद के त्यौहार पर नमूने भरने पर रोक लगाई जाए सभी सेंपलिंग त्योहारों के 15 दिन पहले भरे जाएं, बाट माफ के नवीनीकरण की व्यवस्था ऑनलाइन की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से इन समस्याओं के निस्तारण की मांग उठायी। ज्ञापन देते समय अनेकों व्यापारी नेता मौजूद रहे।