भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का सपना पूरा हुआ: राजनाथ सिंह
आज भारत की और कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता: राजनाथ सिंह
उत्तराखंड की आठ शख्सियतों को रक्षामंत्री ने किया सम्मानित
नई दिल्ली। राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि भारत मेडिकल क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। आज देशवासियों को आयुष्मान भारत योजना में मुफ्त इलाज मिल रहा है। बेटियों के लिए सेना के द्वार खोल दिए गए हैं। सैन्य दृष्टिकोण से भारत का भविष्य बहुत ही सुनहरा है। इस समय हम कई देशों को डिफेन्स प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कर रहे हैं। आज हम आम्र्स एक्सपोर्टर बन गए हैं। 25 देशों में भारत हथियार दे रहा है। हमें ऐसा भारत बनना है, जिसकी तरफ कोई आंख उठाकर भी ना देख सके।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जी नेतृत्व में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का सपना पूरा हुआ है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक हुआ। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाई गई। लोग जिस रामरक्षा मंत्री ने राम भरोसे की कहानी सुनाते हुए कहा कि आज भारत की और कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता। देश की जनता ने पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर एक दिन का उपवास रखा। अपने पीएम का, अपने नेता का मान रखते हुए एक दिन उपवास रखने का प्रण लाखों लोगों ने लिया। एक दिन के उपवास ने देश के किसानों और जवानों को मनोबल बढ़ाया। परिणामस्वरूप 1965 का युद्ध जीतकर शास्त्री जी ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने भारत का स्वर्णिम भविष्य विषय पर अपनी बात रखी। करीब 45 मिनट तक रक्षामंत्री ने आजादी से लेकर अब तक के देश की यात्रा के बारे में बताया। एक बेहद ही रोचक कहानी बताई। जिसके किरदार का नाम रामभरोसे था।
रक्षामंत्री ने कहा कि अब देश को रामभरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। अब देश की प्रगति हमें पुरुषार्थ से खुद करनी होगी। 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है। उन्होंने मॉर्गन स्टेनली का जिक्र करते हुए कहा कि मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2027 तक भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा। आइए जानते हैं रक्षा मंत्री ने क्या-क्या कहा?
पूरी दुनिया की नजर हमारे ऊपर, 21वीं सदी हमारी होगी
रक्षा मंत्री ने कहा, आज हमारा देश दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन चुका है। सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश बन चुका है। ऐसे में भारत के स्वर्णिम भविष्य का अर्थ दुनिया का स्वर्णिम भविष्य है। दुनिया के बड़े प्लेटफॉर्म से कई वक्ताओं और बुद्धिजीवियों और राष्ट्राध्यक्षों ने यहां तक कह दिया है कि यदि 19वीं सदी इंग्लैंड की थी, 20वीं सदी यूनाइटेड स्टेट अमेरिका की थी तो 21वीं सदी हमारे और आपके भारत की है।
उन्होंने कहा, ये बयान दबाव डालकर नहीं दिलवाए गए हैं। ये लोगों ने खुद दिया है। दुनिया में अलग-अलग क्षेत्रों से संबंध रखने वाले लोगों ने खुद ही भारत को देखा, जाना और समझा। इसमें उन्होंने पाया कि भारत का भविष्य स्वर्णिम है। भारत पर आज लोगों का जो विश्वास है, वह इसलिए बना है क्योंकि भारत ने अपनी आजादी के बाद से अब तक जो प्रोग्रेस की है, उसे दुनिया विलक्षण उदाहरण के रूप में देखती है। आजादी के समय से लेकर आज तक भारत की जो विकास यात्रा रही है, वो किस प्रकार से गतिमान रही है।
रक्षामंत्री ने अपने भाषण की शुरूआत में ही रामभरोसे नाम का जिक्र किया। बोले, ये मेरे मित्र का नाम है जो कुछ समय पहले ही मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने बताया कि रामभरोसे का पूरा जीवन देश के विकास यात्रा की कहानी है। रामभरोसे का जन्म देश की आजादी के समय हुआ था। तब देश में सड़कें नहीं थीं। एक जगह से दूसरे जगह आने-जाने में दिक्कत होती थी। अस्पताल नहीं थे, इसके चलते लोग बिना इलाज के ही मर जाते थे। रामभरोसे की मां ने भी इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया था। रामभरोसे की मां चूल्हे पर खाना बनाती थी और धुएं के चलते उन्हें लंग्स कैंसर हो गया था। रामभरोसे के साथ उनकी मां ने उनकी बहन को भी जन्म दिया था। उस दौरान महिलाओं की स्थिति देश में बहुत बुरी होती थी। लड़की का जन्म अभिशाप माना जाता था। इसलिए रामभरोसे की बहन का नाम पत्ती रखा गया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रामभरोसे की कहानी के जरिए देश की विकास गाथा की पूरी कहानी बताई। कहा कि रामभरोसे के गांव के आस-पास कोई स्कूल नहीं था। दूर जाकर रामभरोसे ने कुछ पढ़ाई तो कर ली, लेकिन उनकी बहन नहीं कर पाई। उस दौरान किसानों की हालत खराब हुआ करती थी। खेती करने के लिए गांव के महाजन से कर्ज लेना पड़ता था। उस कर्ज को भरने में लोगों की पूरी जिंदगी चली जाती थी। यही रामभरोसे के पिता के साथ भी हुआ। उनका निधन हो गया। इस बीच, उनकी बहन चूल्हा-चौका ही करती थी। वह जंगल में नित्यकर्म करने गईं और वहां उसे किसी किड़े ने काट लिया। समय पर इलाज नहीं मिला और उनकी बहन की भी मौत हो गई।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल का भी जिक्र किया। बोले, आजादी के बाद से उनके मित्र रामभरोसे ने बड़ी मुसीबतें झेल ली थी। उस बीच, एक बड़ी घटना घटी। तब के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश की जनता से हर सप्ताह एक दिन उपवास का प्रण किया। लाखों लोगों के उपवास ने देश के किसानों, जवानों का हौसला बढ़ाया। 1965 का युद्ध जीतते हुए जय जवान, जय किसान का नारा दिया।
रामभरोसे जी के मन में यह विश्वास जागा कि देश के विकास में उनका भी योगदान है। हरित क्रांति के बाद देश अनाज के मामले में आत्मनिर्भर हो गया। उनके परिवार की आमदनी बढ़ी। उनका विवाह हुआ, पुत्र कमल पैदा हुआ। देश भी अपने विकास की गति को बढ़ा रहा था। इसी बीच, रामभरोसे जी के जीवन में खुशी का क्षण आया। जहां देखिए, वहां सेना की चर्चा हो रही थी। 1971 में हमारी सेना ने पाकिस्तान को एक बार फिर पटखनी दी।