नई दिल्ली, 30 जून 2022:कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने आज कैपिटल गुड्स सेक्टर में कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक कोलैबोरेटिव इकोसिस्टम बनाने हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य कैपिटल गुड्स सेक्टर फेज II में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की योजना के तहत एमएचआई से संबंधित सेक्टर स्किल काउंसिल (जैसे ऑटोमोटिव, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंस्ट्रुमेंटेशन और कैपिटल गुड्स) द्वारा विकसित क्वालिफिकेशन पैक्स (क्यूपी) के माध्यम से कई इंजीनियरिंग ट्रेडों में प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना है।
इस साझेदारी के तहत, एमएसडीई राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से इंजीनियरिंग ट्रेडों में कौशल प्रदान करने के लिए विभिन्न सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) और उद्योग भागीदारों के बीच लिंकेज की सुविधा प्रदान करेगा। एमएसडीई, एनएसडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी और एसएससी के प्रतिनिधियों सहित कम से कम सात अन्य सदस्यों की अध्यक्षता में एक समीक्षा समिति का गठन करेगा।
सेरेमनी की शोभा बढ़ाते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता और शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि,कैपिटल गुड्स सेक्टर का विकास मेक इन इंडिया कार्यक्रम की सफलता से जुड़ा हुआ है। विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि एक कुशल कार्यबल की अधिक मांग पैदा करेगी और समझौता ज्ञापन क्षेत्र के लिए अधिक स्किल्ड वाइब्रेंट वर्कफोर्स बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारी उद्योग मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने इस साझेदारी का स्वागत करते हुए कहा कि भारी विनिर्माण उद्योग रोजगार सृजन, निर्यात और अर्थव्यवस्था के मूल्यवर्धन के मामले में सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र में कोई भी विकास अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी संभावनाएं प्रस्तुत करता है और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत के विज़न को साकार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
एमएचआई, अपनी ओर से, नए उद्योग के नेतृत्व वाले नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) लेवल 6 और क्यूपी विकसित करने के लिए एसएससी को अनुदान प्रदान करेगा। मांग और नई तकनीक के आधार पर जॉब रोल्स की पहचान के बाद, एसएससी इसे एनसीवीईटी के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेंगे। एमएचआई कैपिटल गुड्स और ऑटोमोटिव सेक्टर्स में कौशल को बढ़ावा देने के लिए कई इंजीनियरिंग ट्रेडों में क्यूपी के निर्माण के लिए एसएससी को भी फंड देगा। मंत्रालय एसएससी और सेक्टर्स के बीच आवश्यक लिंकेज को सुगम बनाने के साथ-साथ परियोजना की प्रगति की निगरानी भी करेगा।