अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। हमारे मार्गदर्शक एवं संरक्षक पूजनीय चाचाजी पं सुरेन्द्र नारायण शर्मा लगातार आधी शती तक प्रदेशीय और राष्ट्रीय स्तर के सर्वप्रिय पत्रकार रहे। प्रारंभिक समय में जब वे चुस्त-दुरुस्त रहे, उन्होंने पत्रकार जगत के महान पुरोधा के. विक्रम राव से गहरी निकटता और मार्गदर्शन प्राप्त किया। अपनी जीवन में कभी भी अपनी कलम से न तो किसी का दिल दुखाया और न ही किसी के स्वाभिमान पर चोट की। वे मनुष्य की परिस्थितिजन्य कमजोरियों से सदैव रूबरू रहते थे और उसके सुख-दुख को अपना ही सुख-दुख समझ कर उत्पीड़ितों को गले लगा लेते थे। यद्यपि वे पत्रकारिता धर्म के सच्चे पुजारी थे परन्तु साथ ही नवोदित पत्रकारों की हौसला अफजाई भी बदस्तूर करते रहते थे। ऐसे शब्द साधक पूजनीय चाचाजी जो चाचा से अधिक संरक्षक और मार्गदर्शक रहे। यह उद्गार व्यक्त करते हुए उनके भतीजे सिद्धार्थ शर्मा ने उनकी पावन स्मृति में शत-शत नमन अर्पित किया है।