प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय के दिव्य समर्पण दिवस में जुटे हजारों लोग

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अवधनामा संवाददाता

धूमधाम से मनाया गया समर्पण दिवस

ललितपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय का दिव्य समर्पण अलौकिक निशा बहन जो बहुत ही हर्षोल्लास के साथ हजारों लोगों के साक्षी बनी। मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश जोन की प्रभारी दीदी अवधेशानंद के परम सानिध्य में भगवान शिव को समर्पित करते हुए बहन निशा शिव की सजनिया बनी। इससे पूर्व बग्गी में सभी बहने गाजे बाजे के साथ वरदानी भवन से जुलूस के रूप में शहर की परिक्रमा करते हुये शहर में जगह-जगह इस अलौकिक समर्पण कार्यक्रम का स्वागत हुआ। पुष्प बरसाए गए। इसके ठीक बाद सभी बहने स्थानीय एक मैरिज गार्डन में पहुंची। कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए बाहर से आई सभी बहनों का एवं अतिथियों का चुनरी उढ़ा कर सम्मान, स्वागत अभिनंदन किया गया। स्वागत नृत्य करते हुए झूम-झूम काली शुभ स्वागतम गीत पर एक बहन ने सुंदर नृत्य किया, जिसे सभी आगुंतक ने बालिका का उत्साह वद्र्धन किया। वरदानी भवन की सेवा कर रही बी.के.चित्ररेखा दीदी ने सभी बहनों का परिचय कराते हुये सभी का अभिवादन किया। सीहोर से शैलजा दीदी ने समर्पण का रहस्य बताया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यमंत्री मनोहर लाल उपस्थित रहे। उन्होंने गीता के श्लोक पढ़कर संबोधित किया। राजयोगिनी शैलजा बहन ने कहा कि समर्पण अर्थात अपनी बुद्धि, मैं पन का समर्पण प्रभु पर करना है। जिसके उदाहरण स्वरूप उन्होंने राधे-कृष्ण का दृष्टांत सुनाया कि एक बार राधे जी ने कृष्ण से पूछा कि मैं आपको इतना प्रेम करती हूं लेकिन ऐसा इस बांसुरी में क्या है। जो यह मुझसे भी ज्यादा आपके समीप रहती है। तब कृष्ण मुस्कुराकर बोले कि बांसुरी का वर्तमान स्वरूप इतना सुंदर सुखदाई है कि कभी भी इसको देखकर इसके पिछले स्वरूप की स्मृति नहीं आती। अर्थात् ये अपने पूर्व जीवन बांस से परिवर्तन होकर अपने नए स्वरूप बांसुरी से सबका मन मोह लेती है। इसीलिए मुझे यह इतनी प्रिय है। इसी प्रकार उन्होंने इस दृष्टांत के माध्यम से बताया कि समर्पण अर्थात अपने पूर्व स्वभाव संस्कार से मरकर एक नया जीवन जो सबको सुख देने वाला ईश्वर की मत पर श्रीमद् अनुसार बनाना ऐसा नया जीवन जो बेहद विश्व कल्याण के लिए प्रभु पर अर्पित हो यही सच्चा समर्पण है। इस दौरान प्रदीप चौबे, मुन्नालाल जैन, गंधर्व सिंह लोधी, पूर्व एमएलसी श्याम सुंदर सिंह, ज्योति सिंह लोधी, मुक्ता सोनी, रामकिशोर मुखिया, विजय यादव, दातार सिंह, विद्यासागर भाई, रामस्वरूप भाई, कुंजबिहारी उपाध्याय, अवध बिहारी उपाध्याय, काशीराम बाबा, कैलाश एड., हरिशंकर साहू, मनीष दुबे, अशोक राठौड़, ओमप्रकाश साहू, कैलाश दुबे, सुमन देवी, मोहित, आकाश, दीपक, संदीप, राजेंद्र, शिवन्दु, अभिषेक यादव, सुरेंद्र, किरण, वीरपाल सिंह तोमर, गोपाल सिंह, लक्ष्मीनारायण भाई, सत्यम, शिवम, सुंदरम, मंजू बहन, लक्ष्मी बहन, शिव कुमार, रामकली, श्यामकली, राधा, विमला, सीमा बहन, चंदा बहन सहित सैंकड़ों भ्राता एवं बहनें की गरिमा पूर्ण उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में बी.के.माया बहन ने उपस्थित सभी लोगों का आभार जताया। अंत में सभी का प्रसाद वितरण भी किया गया। कार्यक्रम के प्रारभ्भ में वरदानी भवन का वार्षिक उत्सव मनाया गया एवं भवन में 60 फीट ऊंचाई पर भगवान शिव की शिवलिंग का भी आज पूजन अर्चना किया गया। भोपाल से आई दीदी अवधेशानंद दीदी ने किया। बड़ी संख्या में वरदानी भवन में भाई-बहन उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में बीना, सागर, अशोकनगर, गुना, भोपाल, झांसी, महोबा, छतरपुर, चंदेरी आदि जिलों से ब्रह्मकुमारी बहने, ब्रह्मा कुमार भाई जो करीब आधा सैकड़ा की संख्या में मौजूद थे। जिन्होंने दिन रात एक करके इस कार्यक्रम को चार चांद लगाए। जिले के अन्य सेंटर महरौनी, बांसी, तालबेहट, जाखलौन से लोग आए थे।

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