FASTag rule लूज फास्टैग या टैग-इन-हैंड की रिपोर्टिंग को मजबूत करने के लिए NHAI ने अपनी नीति को और सुव्यवस्थित किया है। ताकि टोल कलेक्टिंग एजेंसियां ऐसे फास्टैग के बारे में तुरंत रिपोर्ट कर सकें और उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जा सके। मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के चलन से चुनौतियां पैदा होती हैं जिससे लेन में भीड़ लग जाती है।
टोल प्लाजा पर सुचारू संचालन सुनिश्चित करने और लूज फास्टैग या टैग-इन-हैंड की रिपोर्टिंग को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपनी नीति को और सुव्यवस्थित किया है। ताकि टोल कलेक्टिंग एजेंसियां ऐसे फास्टैग के बारे में तुरंत रिपोर्ट कर सकें और उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जा सके।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वार्षिक पास प्रणाली और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोल जैसी आगामी पहलों के मद्देनजर फास्टैग की प्रामाणिकता एवं प्रणाली की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए इस मुद्दे का समाधान करना महत्वपूर्ण है। कभी-कभी वाहन मालिक जानबूझकर वाहन के विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाते।
मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के चलन से परिचालन संबंधी चुनौतियां पैदा होती हैं, जिससे लेन में भीड़भाड़, गलत शुल्क वापसी एवं दूरी के आधार पर टोल प्रणाली का दुरुपयोग होता है। इससे इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह व्यवस्था में समग्र तौर पर व्यवधान पैदा होता है, परिणामस्वरूप टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी होती है और अन्य उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है।
समय पर सुधार के उपाय सुनिश्चित करने के लिए NHAI ने एक समर्पित ई-मेल आईडी उपलब्ध कराई है और टोल संग्रह एजेंसियों को ऐसे फास्टैग की तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया है। प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर NHAI रिपोर्ट किए गए फास्टैग को ब्लैकलिस्ट या हाटलिस्ट करने के लिए तत्काल कार्रवाई करेगा।
गौरतलब है कि 98 प्रतिशत से अधिक की अंगीकार दर के साथ फास्टैग ने देश में इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह प्रणाली में क्रांति ला दी है। लूज फास्टैग या टैग-इन-हैंड इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन के लिए चुनौती पेश करते हैं। NHAI ने कहा, ”यह पहल टोल संचालन को और अधिक कुशल बनाने में मदद करेगी, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए निर्बाध और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित होगी।”
टोल में 50% तक की कमी
इस महीने की शुरुआत में सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ हिस्सों पर टोल की दरों में 50 प्रतिशत तक की कमी की, जिसमें सुरंगें, पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड शामिल हैं। इस कदम का उद्देश्य यात्रा लागत को कम करना और जनता के लिए सड़क यात्रा को अधिक किफायती बनाना है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 में संशोधन किया है तथा टोल शुल्क की गणना के लिए एक नया फार्मूला अधिसूचित किया है।